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माएं बूहे खोल कि अंदर औना चाहुंदा हां,
तेनु अपने दिल दा हाल सुनाउना चाहुंदे
आए ने माएं तेरे लाल खोल बूहे मंदिरा दे,
आई पवन वाली चाल खोल बूहे मंदिरा दे,
पूजा करां मैं गौरां दे लाल दी
रभी रूप कोई अवतार दी,
मेनू ऐसी लगन माँ लगा दे,
मैं तेरे बिना पल न रहा,
माँ दे जगराते विच आ जाओ सारे नचिये.
ऐना आज नचिये की नच्दे न थकिये,
बूहे खोल दे पुजारिया मंदिर दे,
असा दर्शन पाउने ऐ,
जे तू दर्श मैयां जी दा लोचदा ऐ,
ते फिर पैरा दा लहू क्यों पोच्दा ऐ,
दुःख भंजन तेरा नाम जी दुःख भंजन तेरा
आठ पहर अराधिये पूरण सतिगुरु ग्यानु,
बुहा खोल के रखना माँ
की अज तेरे लाल ने आना है,
सब भगता दियां रीज पुगाइया गनपत ने,
ओ दर ते नच्दे भगत प्यारे मौजा लाइयाँ
दोहा: थारे हाथां सौंप दी, घर की चाबी
जद स तू मुखियाबण्यो, मिट गया कस्ट तमाम,
साई रस की घुट मनवा पी ले रे,
तेरी जिंदगी युही तर जायेगी,
मेरे घर में रोज दिवाली है,
क्यों की मेरी कुल की देवी ये मैया
आज जन्म लियो नन्दलाल बाजे बधाई अंगना,
भाजे बधाई यशोदा अंगना,
मस्ती में भोले की चलते जायगे,
भगति में भोले की चलते जायेगे,
भोले बाबा की कावड़ चली,
जिसने तुझको दिल से पुकारा उसकी विपदा
भर लो भर लो आंदन के खजाने शनि दर पे मची
जात धर्म के फेर में आकर खुद में तान न
दरबार तेरा दरबारों में,
इक ख़ास एहमियत रखता है,
तेरे दर्शन करेंगे सारी रात
मैयां जी अजे दिन न चड़े,
जन्म जन्म का साथ है, गुरुदेव तुम्हारा
अगर न मिलते, हमको सतगुरु, लेते जन्म
मांग सिंधुर से ये सजा है रे,
माथे बिंदियां ये मैंने लगा ली है रे
भव पार लगा देंगी भज राधे राधे,
हर काम बनादेगी भज राधे राधे,
बड़ी प्यारी प्यारी लागे बड़ी सोहनी
माहने छोटी सी नारायणी सरे जग से न्यारी
घर में पधारो माँ संतोषी मेरे घर में
चरणधर जाओ माँ संतोषी मेरी घर में
बुरे का बदला बुरा मिला है मिला भले का
करनी का फल भरने सदमा सखा कृष्ण से
रोवे क्यों भगत तू हॉवे क्यों अधीर,
दादी से केह दे तेरी मन रे प्रीत ,
तेरे नैनो में खो जाऊँ श्याम मुझे ना
तेरी गलियों का हो जाऊ श्याम मुझे न कुछ
झूला झूलो मोरे अंगना , झूलो महामाई रे,
चन्दन का झूलना रानी अंगनवा सजाई रे,
मैया तेरा साथ रहे सदा मेरे साथ रहे ,
धुप हो छाया हो दिन हो या रात रहे ,
मैया खोले तू किस्मत का ताला माँ तेरा
जय संतोषी माता जय संतोषी माता,
गुड़ और चने का संतोषी माँ को भोग लगा के
भाग्य जागेंगे तेरे भी प्राणी , माँ को
माँ आज तू रखना लाज तेरे दीवाने आये है,
मस्ती में तेरी झूम के ये दीवाने आये है,
जन्म उत्सव् हम आप का आज मनायेगे,
झूमे गे नाचे गे और खुशियाँ मनायेगे,
जय गोविंदा जय गोपाला बोलो सारे मिलके
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो
मैं तेरी तुम मेरे होलो
कन्हियाँ प्यारे से नन्द के दुलारे से
के बच नहीं पायेगा छुप के कहा जाएगा
मेरे शम्भू मेरे भोला मेरे महाकाल आये
सजी उज्जैन की नगरी मेरे महाराज आये है,
ओ श्याम प्यारे तुम्हे ही सुमिरो दिन
दर्श बिन मन होता बेचैन की भर भर आते दो
इतना तो बतादो आज क्या दिल में छुपे है
तुम्हे दिल से दू आवाज प्रभु आज बचालो
मोहन से अपने दिल की हर बात कीजिये,
इक बार खाटू आके मुलाक़ात कीजिये,
कलयुग में दादी सब की निगहेबान रहेगी,
हर भगत पे हर वक़्त मेहरबान रहेगी,
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है
तन धन नारायण का संगम है ये तिरसुल,
रोको जरा कन्हियाँ मेरी जान जा रही है,
कातिल नजर तुम्हारी खंजर चला रही है,
सजा दो फूल राहो में मेरे गोपाल आएंगे,
जन्मदिन आज है उनका ख़ुशी से हम मनाएंगे
किसको सुनाऊ फर्याद मैं कैसे आउ झुंझनू,
मेरा जीवन सुधार मैया सुन ले पुकार,
अखारी समय में हम करीब हो न हो,
झुंझनू की मिटटी नसीब हो न हो,
मेरा तुम्हारे सँवारे रिश्ता अजीब है,
दुनिया में तू ही एक तो मेरे करीब है
जी लूँगा मैं संसार के बिना,
कैसे जीउ गा माँ तेरे प्यार के बिना ,
करे न जब तुझपे दवा दुआ कोई काम
किसी भी झाड़े से नहीं मिले आराम
हे गिरधर गोपाल श्याम तू आजा मेरे
माखन मिश्री तुझे खिलाओ और झुलाउ पालना,
दादी जी म्हारे घरा पधारी तन धन जी भी
म्हारे घर में सेठानी को आज मंगल पाठ है,
सांसो के टूटने लगे श्याम डोरे,
देदो दर्शन श्याम मुझको मिले है दिन
मन मोहन मुझे बना ले अपनी बांसुरियां,
रहना है तेरे हाथ में ओ सांवरियां,
तीजया के सिंधारे में मैं दादी ने
मैया जी का रल मिल के लाड लड़ावा गा
कृष्णा कृष्णा राधे कृष्णा,कृष्णा
जपते ही मिटे मन की तृष्णा,
ना देनो तो ना कर दे, क्यों नाच नचावे रे,
टाबरिया चौखट पर बैठा आस लगावे है,
कोई दुख में करीब ना आया
मेरे श्याम ने हाथ बढ़ाया
थारी उमर रा रा गिणयोडा दिनडा जावे रे,
मिजाजी थोडो राम ने सुमिर ले रे,
श्याम पीछा छोड राधे रानी का
काहे ढूंढे रास्ता बृजधानी का
चरणों में है देखे मैंने मैया चारो धाम
तेरा नाम दातिए सोहना लगे,
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