YugalSarkar.com
Home
Lyrics
Bhagwad Gita
Texts
Specials
Bhajan Lyrics
भजन Categories
राधा भजन
कृष्ण भजन
Chetavani Bhajan(4)
Bansuri Bhajans(6)
Holi Bhajans(12)
Prarthana Bhajans(15)
Virah Bhajans(9)
Sharnagati Bhajans(9)
Brij Bhajans(21)
Leela Bhajans(12)
Swagat Bhajans(1)
Other Bhajans(2)
Radha Ji Bhajans(12)
Naam Bhajans(2)
Stotras(2)
Shringar Bhajans(4)
Aarti(1)
Shiva Bhajans(21)
Naam Mahima Bhajans(6)
Load New Set of Bhajans
अम्बे रानी माँ वैष्णो रानी माँ दाती
भक्तो को देती प्यार जी,
मेरी मैया जी आना रे हे अम्बे शेरावाली,
आजा आ मेरे भोले नाथ भक्त पुकारे तेरा.
आजा मैया शेरावाली हो गुण गाऊँ मैं
नवतारी त्यौहार आया जय हो अम्बे मात की
मंगलमय त्यौहार आया जय हो अम्बे मात की,
मुक्तसर है ये मेरी कहानी साईं बाबा की
दीवानी मैं दीवानी,
आज रविवार है सुरये देव का वार है,
इन से जग उजयार है,
आज शनिवार है शनि देवा का वार है,
शिंगणा पुर दरबार है सूर्ये पुत्र छाया
जगराते की रात आई ज्योत जगाये गे,
शेरोवाली के हम दर्शन पाएंगे,
प्यारे लगे है राम सीता के इन्हे नहीं
राजा बने है राम सीता की झूमे देखो सारी
सिया से कहे हनुमाना रे,
माँ क्यों सिंदूर लगाया,
मेहंदीपुर सालासर धाम दोनों अमर,
इक चमत्कार देखो यहाँ हो रहा,
श्याम बाबा महान किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका ऋणी हो गया,
आज शुक्रवार है माँ अम्बे का वार है,
ये सच्चा दरबार है लाल चुनर ओढे है मैया
आज सोमवार है शिव शंकर का वार है,
ये सच्चा दरबार है श्रद्धा से जल जो भी
मानुष चोला नही मिलना बारंबार बंदियां,
जप ले राम नाम जिन्दगी सुधार बन्दियां,
साई ओ साई ,
छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया,
जगराते दे विच औंदी है मेरी मैया
मेरी मैया शेरावाली मेरी दाती
बाबा तुम्हारे दर आये हम बन के तुम्हरे
संकट दूर हो पल में हमारे तुमने नजर जो
श्री राम नगरी वसे सरयू के तीरे
यहाँ कण कण में राम,
सारे रल मिल देयो नि वधाई यशोदा घर लाल
नन्द घर नन्द गांव विच बजी शहनाई,
प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही
हर ग्यारस पर खाटू आकर दर्शन तेरा पाता
सजा दिया फूलो से दरबार तेरा है,
आजा खाटू वाले इंतज़ार तेरा है,
वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु ॥
रूखी सुखी खाई जप लिया साई,
भगता ने इसी तरह उम्र बिताई,
मस्ती तेरे नाम की यु इस दिल में है छाई,
अरे टोली दीवनो की आज ये झूमने है आई,
प्राणा से भी प्यारो दादी जी थारो धाम,
थारे चरना माहि माहरा चारो तीर्थ धाम,
हमारे नाम की चिठ्ठी तुझे पहुंची नहीं
किसी ने भी खबर तुझको हमारी दी नहीं है
दर तेरे भगवन पुजारी आ गया,
हाथ में झोली भिखारी आ गया,
हर हर में हरि हरि बसे,
और हर को हरि की आस
सारी सतियो में मैया तू सरताज है,
सभी देवी देवता करते तुझपे नाज है,
मेरे दिल की पतंग कट गयी
डोर सांवरे के हाथ लग गयी
जब जब घर में कोई संकट होता है,
जब जब तेरा लाल कोई रोटा है,
बाला जी अंजनी के लाल तेरी महिमा अज़ब
तीन लोक में डंका बाजे तुम हो कालो के
नित खावां पीवां मौज करा नित ख़ुशी
जद साई मेरा नाल मेरे मैं क्यों गबरावा,
जय कारे तू बोल भगता जय कारे तू बोल,
सुन रही है माँ मेरी अम्बे दिल के
मुझको भी एक बार बुलाना,
देखो मेरा दिल न दुखाना,
दादी करवा दे महरा ठाठ मैं करवा सा मंगल
दिन में मंगल पाठ करा सा कीर्तन सारी
बाला जी संकट काटे म्हणे मेहंदीपुर में
साई तेरी शिरडी मुझे रोज भुलाती है,
मुझे रोज भुलाती है तेरा दर्श कराती है,
जब से दिखिया म्हणे दरबार बाबा घाटे आले
बाबा घाटे आले का बाबा घाटे आले का,
मानुष चोला नहीं मिलना बाराम बार
जपले राम नाम ज़िंदगी सुधार बन्दियाँ,
चहरे पे लगा ले मोर पंख मैं कर लुगा
बड़ा सोहना लागे श्याम यार दिलदार मेरा,
रे मन चल तू अब तो साई द्वारे,
अब तो साई द्वारे मनवा,
आजा लौट के साई याद तेरी आई कहा गये साई,
मनवा बोले साई साई आजा मोरे साई,
रामकली महला अनंद एक ओनकार सतगुर
जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने
तेरे मंदिरा ते नचती आवा तेरे भगता दे
मैया जी मेरा जी करदा,दाती माँ मेरा जी
यो तने भुलावे देसी जाट रे बाबा आके लगा
तेरी सुबह करू सुबह शाम ने,
गली गली में कीर्तन माँ के घर घर में
आगे भगतो शेरावाली मैया के नवराते,
मैया के चरणों में सिर को झुका के भेट
नाचो रे हिला कर कमरिया भजन शेरावाली के
सारी दुनिया ऑनलाइन तू ऑफलाइन बैठा रे,
बाला जी एक नंबर लेकर मोबाइल पर आजा रे,
दर दर भटकु माँ मेरी तू ही संबलना,
तेरा सहारा माँ मेरी तू ही संभालना
कितने तेरे नाम सँवारे किस नाम से
अपने दिल की बात वनवारे जा कर किसे
हे मैया मेरी दुखिया तो रोवे दरबार में,
सुन सुन ताने मेरी मुर्जा गई काया,
बाबा श्याम खाटू धाम मने भी भुलालो जी,
मैं भी तो बालक हु थारो सेवा में लगा लो
साईं सुनता दिल की बातें,पूरी करता
इनके रेहमत का आसर है आज मैं जो कुछ भी
बाबो छोड़ सालासर धाम,
आ बैठ रे पैडलिया कने ,
मैंने श्याम को ब्यथा सुने मेरा बन गया
मेरे सिर पे हाथ फिराया मुझे प्रेम से
ओ कान्हा रे तू राधा बन कर देख ले इक बार,
राधा की पीड़ा का तुझको जब होगा अनुमान,
Previous
180
181
182
183
184
185
(current)
186
187
188
189
190
Next
© Copyright 2015-2024,
YugalSarkar.com