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भीगी पलकों तले सेहमी खवाइश पले,
मंजिले ला पता श्याम कैसे चले,
मैं तेरी कमली हो गई आ माँ तनु तरस जरा
तेरी जोगी रह गई माँ तनु तरस जरा नहीं
नीले घोड़े रा असवार करा थारी मनवार
मैं तो बंदा था किस्मत का मारा श्याम
मेरी किस्मत का दाग धूल गया मेरा संवारा
साई का दर है सुहाना चलो भक्तो मिल के ,
चलो भक्तो मिल के चलो भक्तो मिल के,
मेरे साई का नाम मेरे बाबा का,
पतितपावन नाम है ये पतितपावन नाम है ये,
ओ साई शिरडी वाले ओ साई,
अगर फुर्सत मिले जरा सी तो घर मेरे आना,
नन्हासा हूँ फूल साई स्वीकार करो ,
चरणों के तेरी धूल हु साई स्वीकार करो,
गुरु मात पिता गुरु बंधू सखा,
तेरे चरणों में स्वामी मेरा कोटि परनाम,
साई तुम हो भोला भंडारी तुम ही शिव
हम सब उतारे तेरी आरती,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी
आओ मेरी आँख के तारो कहा गये मेरे
मन मंदिर है द्वारका माई,
जिसमे रहते है बाबा साई,
नेहा जब से लगाया है साई राम से,
ज़िंदगी कट रही है बड़े आराम से,
बोलो सदा जयकार शिरडी साई बाबा की,
साई का वचन है साई राम कहाये,
जाई विधि राखे साई ताहि विधि रहिये,
साई का दरबार सुहाना लागे,
भक्तो का भी दिल दीवाना लागे,
तू ही बाबा तू ही माई,
तू ही दाता तू ही साई,
कागा सब तन खाइयो चुन चुन खाइयो मांस,
ये दो नैना मत खाइयो मुझे साई दर्शन की
श्याम हम पे सितम क्यों करते हो,
सामने आये कभी छुप ते हो,
आना है तो आजा अब शिरडी धाम,
साई संसार की बड़ी सरकार है,
साई राम तुम्हारी शिरडी में मुझे मेरे
आंगन में द्वारका माई के कही राम मिले
एक चिठ्ठी आई है माँ ने भिजवाई है,
संदेसा आया है माँ का आया है भुलावा,
तेरे दर आये तेरे दीवाने रूप बांके
हम तो आशिक़ है तेरे पुराने हमे चौकठ से
तेरी बिगड़ी बना देगी चरण रज मैया
आज मुझे न कोई रोको के साई को मनाना है,
मांग के देखो एक बार जिन्हो ने कुछ पाना
साथ तूने दिया,
साथ जब छोड़ा मेरा सब ने साथ तूने दिया,
श्याम जब से साथी बना संकट से अब हम न
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,.
श्याम तेरा ये एहसान है मेरी जग में जो
इस तन में जो सांसे वसी तेरे चरणों का ही
तेरे चरणों में सर को, झुकाता रहू
तू बुलाता रहे और मैं, आता रहू
है अभी वक़्त कर याद भगवान को,
तेरा बिगड़ा मुकदर सवर जायेगा,
हो आ गया जगत दा वाली मेहरा दा वेखो मीह
जिहने हर लई चिंता सारी मेहरा दा वेखो
जिथे दर्शन हॉवे तेरा सोइ वेला धन गुरु
मूक जाए चौरासी दा गेड़ा सही वेला धन
चिठ्ठी न कोई सन्देश जाने वो कौन सा देश
इस दिल पे लगा के ठेस यहाँ तुम चले गये,
गुर जी तेरे चरणों में हर स्वास गुजर
जिस स्वास तुझे भूलू वो स्वसे ठहर जाए,
चिठिया प्रेम दिया लिख गुरु जी वल
नाम है तेरा तारणहारा कब तेरा दर्शन
जिनकी प्रतिबा इतनी सुन्दर वो कितना
गुरु जी घर मेरे भी आना,
अपनी संगत को मेरे गुरु जी साथ में अपने
तेरा लख लख शुक्र मानने आ तेरा ही दिता
तू सी जद भी भुलांदे हो गुरु जी ऐसी
दर्शन दो गुरु जी मेरी अखियां प्यासी
मेरी अखियां प्यासी रे,
कौन हो कैसी दुनिया से आये हो तुम,
प्यार का इक जहां साथ लाये हो तुम,
गुरूजी तुम्हारे चरणों में जब प्यार
दो चार की फिर तो बात ही कया संसार उसी का
झुंझनू से दादी महारी आये,
भक्ता ने अखियां भर भर आये,
तेरी शोभा तेरी शोभा तेरी युग युग होये
बड़े मंदिर दिया मालका तेरी युग युग
हे भवानी तू चाहे ना बिगड़ी बना हम तो दर
माँ मंदिर की देहलीज पर बैठ कर प्यार से
बाला सालासर वाले है आज मगन मत वाले,
राम नाम रस कीर्तन में देखो बाँट रहे है,
तूने कौन से पुनाये किये राधे,
जो श्याम तेरे घर आते है,
अब न मैं फोड़ूगा मटकी तुम्हारी,
तू दे दे न बंसुरिया ओ राधा प्यारी,
जो मैं होता नीम का पेड़,
तुझको छाया करता मैं,
आते हो श्याम तुम निधि वन में ,
कभी मेरे घर भी आया करो,
अब तक तो जीय तो खुद के परिवार के लिये,
अब जीना सीखो ओरो के उपकार के लिए,
मेरा इक साथी है वसा है जाके शिरडी में ,
मैं जब भी याद करू आता है मेरे सपनो में,
बाबा कोई ऐसी व्यवस्था सजा दो,
दर्शन है मुश्किल आसान करवा दो,
साईं दया करना मेरे साईं किरपा करना,
तू राधे राधे बोल रे नाम अनमोल रे,
मिले गा सांवरिया हिरदये पट खोल रे,
सोना दर शेरा वाली दा जिथे ढोलक वाजदी ए,
र कर दीद् अमिये आँख मेरी न रज्दी ए
फुल बेच के गुजारा करना,
रहना श्यामा तेरी नगरी,
नी मैनु शुकर मना लेण दे,
मेरे गुरु जी दी किरपा बड़ी नी मैनु शीश
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया,
जन्म जन्म की दुरी को इक पल में मिटा
गुरुजी तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा
हम को तुम्हरे प्यार ने इंसा बना दिया,
जे सुख पाना है चल गुरु जी दे कोल
रब न माना है चल गुरु जी दे कोल प्यारया,
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