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कन्हैया ओ कन्हैया पैरो में पड़े छाले
मेरे यार मुरली वाले घनश्याम मुरली
श्याम मेरे आ जाओ और न तरसाओ,
बहुत इंतज़ार किया,
चल चल चल साई धाम रट रट साई नाम,
तेरे बने गे सारे बिगड़े काम,
मेरे जीवन की पतवार सांवरे हाथो में अब
दरकार श्याम तेरी है मेरे जीवन की पतवार
सुन लो श्याम कन्हाई दीवानी तेरे दर पे
दर पे है आई कान्हा दर पे है आई,
गिरधर मेरे मौसम आया,
धरती के शृंगार का,
हारा वालिया ,मेहरा वालिया ,मेरे
दुनिया के सब रंग दिल से भुला, आपने ही
सखी प्रकटे कृष्ण कन्हाई, गोकुल में
प्रभु से मिला है जीवन,प्रभु को कर दे
सब का भला हम करते चले,
जिसे खोजती सारी दुनिया वो बैठा सामने
ज्ञान सूरज ज्ञान चंदर माँ के हम ज्ञान
सूरज जब पलकें खोले मन नामय शिवाये
मैं दुनिया से क्यों डरु मेरे रक्षक है
नजर में रहते हो मगर तुम नजर नहीं आते,
ये दिल बुलाये श्याम तुम्हे पर तुम नहीं
ज़िंदगी एक अज़ब मोड़ पे आ खड़ी थी,
और तुम आये और तुम आये,
तुमको निहारने को दिल ये चाहता है,
मन में उतरने को दिल ये चाहता है,
करो कृपा मेरी राधे,तेरे दरबार आया हु,
ना है कुछ पास में मेरे,दो आंसू भेट लाया
तेरी शिर्डी में सब कुछ मिल गया,
सुने दिल का चमन ये खिल गया,
ना नरसी सी भक्ति न सुदामा सा नाता,
पर दुखड़े मिटाने श्याम हर बार तू आता
यमुना के तट पर जैसे भजाते थे,
अपनी राधा को मोहन कैसे भूलते थे,
माँ शारदा भवानी बैठी है देखो कैसे,
मैया सजी है ऐसे दुल्हन बनी हो जैसे,
खुशिया मनाओ मंगल गाओ,
नन्द के घर आनंद है छायो रे,
कान्हा से मुझको मिलना है,
मिलने दो यार पल भर के लिए,
मेरे बांके बिहारी सांवरियां क्यों ये
तेरे नैनो से नैना मिलाने हम भी दर तेरे
माखन चुराए चुप के से आये नटखट नंदलाला,
छुपा ले अपनी दही की मटकियां आ गया
श्याम तेरी बंसी बजने लगी,
सारी सारी रात मैं तो जगने लगी,
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले,
श्री साई साई कहते फिर प्राण तन से
एह मेरे मन तू चल मोहन के पास,
ये माया तो आणि जानी किस से करे तू आस,
नंदलाला कहु या गोपाला कहु,
तुझको कान्हा कहु श्याम क्या मैं कहु,
छोटे छोटे दाऊ छोटे सब ग्वाल बाल,
छोटे छोटे प्यारे प्यारे मदन गोपाल,
मुझे आये नजर चहु और बांके साँवरिया,
यशोदा माँ के होइ लाल वधाई सारे भक्ता
वदाई सारे भगता ने वधाई सारे भक्ता ने,
श्याम मेरे आ जाओ और न तरसाओ बहुत
ओ बाबा अब तो दया करो ओ बाबा अब तो किरपा
मेरा छोटा सा संसार साई आ जाओ इक बार,
विनती करलो स्वीकार साई आ जाओ इक बार,
प्यार की राह में चलना सीख,
इश्क़ की आग में जलना सीख
मेरे श्याम जन्में आज गोकुल नगरिया,
यहाँ दूध दही यहाँ माखन मिश्री,
तेरी नगरी में आये गियो श्याम बाबा इब
मेरा दुःख गियो दोनों पाओ बाबा इब मेहर
एक बात कहता हु तुम से सुन बरसाने वाली,
काम दही का देदे मुझको बोले कृष्ण
मीरा के ये है मोहन राधा के ये है श्याम,
गोपाल गोपियों ने रखा कृष्ण का नाम,
छम छम नाचे तेरी मोरनी मोहन,
तुझे मोर पंख भाये सदा काला रसियां,
मेरो साँवरो गोविंद करे रास राधा संग,
संख वाजे नाद बाजे और बाजे चंख,
कंस का बन कर काल जन्मे मदनगोपाल,
करने जग का उधार उधार लिए विष्णु
रहे मेरे मुख में सदा तेरा नाम,
मीरा के मोहन राधा के श्याम,
श्याद तेरे पास नहीं कुछ देने को सरकार,
रे मैं तो सोच के आया था की तू है
कंठ में आन वसो मैया मैं सुमरो तेरो
जगमग जग दी जोत नूरानी शेर ते बैठी है
संगता आइयाँ माँ दे दर ते गूंज रहे
अँखियो में कजरा लगाउ मैं कैसे,
अँखियो में मेरी श्याम वसा,
भोले का मेला आ गया नाच रहे कावड़ियाँ,
सावन का वेला आ गया नाच रहे कावड़ियाँ,
जन्म दिन कान्हा जी का आया,
सबने मिल के झूला झुलाया ओ दर पे देखो
मेरे नैनो में वस् जाओ,मेरे गोपाल
मेरे नैनो में वस् जाओ,
जन्म लियो नन्दलाल ब्रिज में धूम मची,
धूम मची देखो खुशियां मची,
कोई तिरछी नज़र से ना देखो के श्याम
ऐसी लागी लगन एह मेरे सांवरे मैं दीवाना
जैसे राधा तुम्हारी तुम राधा के थे वैसे
मुरली तेरी कन्हियाँ लगती है हमको
मुरली सुन आ गई है राधा भी सुनो बिहारी,
तू गोकुल का कान्हा है मैं बरसाने की
बात में तेरी मैं ना आउ जानके तेरी राधा
जितने भी मिले गे जनम यही मांगते तुमसे
सेवा करू तेरी हर दम कसम लेलो कसम,
ओ मेरे साँवरे हम हुये वनवारे ऐसी मुरली
हम दीवाने हुये आके तेरी शरण प्रीत तुम
कभी देखा नहीं किसी का नसीबा,
जैसा लेखा विधाता ने मेरा,
राधे रानी के चक्र में फस गेयो रे,
मेरा कान्हा तो मुश्किल में पड़ गेयो
श्याम झूले, हनुमत झूले, झूलें शंकर
राधा रानी झूला झूलें ओढ़े चुनर तारा
ना अंधी से खुलता है, ना तेज़ हवाओं से
जन्नत का दरवाज़ा, नाथ के पाँव से खुलता
राधा पुकारे कहा हो कन्हियां,
सुख चैन कहा तुझे बिन ओ कन्हियां,
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