जय माँ रुद्राणी ब्रम्हाणी की !!
भक्तों ! राजस्थान की धरती पर एक ऐसा पावन पुण्य स्थान है , जहां माँ शाकम्भरी सौम्य अर्थात ब्रम्हाणी एवं रूद्र अर्थात रुद्राणी के दिव्य दो रूपों में विराजमान हैं धन्य है सकराय की धरती जहां माँ शाकम्भरी स्वरूपा ब्रम्हाणी - रुद्राणी के दर्शन होते हैं
दुनियां में सकराय के जैसा नहीं और कोई दरबार मिले ,
इक माँ मिलती बड़ी मुश्किल से , यहां दो-दो माँ का प्यार मिले
दुनियां में सकराय के जैसा नहीं और कोई दरबार मिले
इक मेरी माँ ब्रम्हाणी है , दूजी मईया रुद्राणी है
इक मेरी माँ ब्रम्हाणी है , दूजी मईया रुद्राणी है
माँ तेरी शरण में आकर के हमें शाकम्भरी परिवार मिले
भगतों की रक्षा करने को दो-दो चुनड़ी लहराती है ,
भगतों की रक्षा करने को दो-दो चुनड़ी लहराती है ,
दो-दो चुनड़ी के पल्ले से धन-दौलत का भण्डार मिले
हे जगदम्बे तेरे दर्शन को शंकर त्रिपुरारी तरस रहे ,
हे जगदम्बे तेरे दर्शन को शंकर त्रिपुरारी तरस रहे ,
अहो भाग्य ये हम भगतो का है , यहाँ दो माँ का दीदार मिले
इक माँ मिलती बड़ी मुश्किल से , यहां दो-दो माँ का प्यार मिले
दुनियां में सकराय के जैसा नहीं और कोई दरबार मिले
दुनियां में सकराय के जैसा नहीं और कोई दरबार मिले
भजन गायक एवं मंगल पाठ वाचक - सौरभ मधुकर
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile ,
ik ma milati badi mushkil se , yahaan dodo ma ka pyaar mile
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile
ik meri ma bramhaani hai , dooji meeya rudraani hai
ma teri sharan me aakar ke hame shaakambhari parivaar mile
bhagaton ki raksha karane ko dodo chunadi laharaati hai ,
dodo chunadi ke palle se dhanadaulat ka bhandaar mile
he jagadambe tere darshan ko shankar tripuraari taras rahe ,
aho bhaagy ye ham bhagato ka hai , yahaan do ma ka deedaar mile
ik ma milati badi mushkil se , yahaan dodo ma ka pyaar mile
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile ,
ik ma milati badi mushkil se , yahaan dodo ma ka pyaar mile
duniyaan me sakaraay ke jaisa nahi aur koi darabaar mile