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है तू अलबेली सरकार तू मेरा दिल धड्काती है

कभी कभी तू डाल के घुंघट पनघट जाती है
मतवाली सी चाल तेरी मेरे मन को भाति है
ओ मेरी राधा घुंघट में तू लगती प्यारी है,
है तू अलबेली सरकार तू मेरा दिल धड्काती है ,

आधा घुंघट हाफ हाफ तेरे सुन्दरता को बड़ा रहा
सुन राधा तू ओ मेरी प्यारी दिल की धडकन बड़ा रहा
ओ मेरी राधा घुंघट में तू लगती प्यारी है
है तू अलबेली सरकार तू मेरा दिल धड्काती है ,

तेरे इस छोटे घुंघट से सीख मिलेगी सारो को
अपने लाज की और संस्कृति मिलेगी शिक्षा सारो को
ओ मेरी राधा घुंघट में तू लगती प्यारी है
है तू अलबेली सरकार तू मेरा दिल धड्काती है ,

जो नारी सिंदूर को ढकती सूर्ये देव खुश होते है
करते है सिन्धुर उसी का अमर जो घुंघट करते है
लिखे उठा के कलम शेलेंदर भजन ये गाये है
ओ मेरी राधा घुंघट में तू लगती प्यारी है
है तू अलबेली सरकार तू मेरा दिल धड्काती है ,



hai tu albeli sarkar tu mera dil dhadkati hai

kbhi kbhi too daal ke ghunghat panghat jaati hai
matavaali si chaal teri mere man ko bhaati hai
o meri radha ghunghat me too lagati pyaari hai,
hai too alabeli sarakaar too mera dil dhadkaati hai


aadha ghunghat haaph haaph tere sundarata ko bada rahaa
sun radha too o meri pyaari dil ki dhadakan bada rahaa
o meri radha ghunghat me too lagati pyaari hai
hai too alabeli sarakaar too mera dil dhadkaati hai

tere is chhote ghunghat se seekh milegi saaro ko
apane laaj ki aur sanskriti milegi shiksha saaro ko
o meri radha ghunghat me too lagati pyaari hai
hai too alabeli sarakaar too mera dil dhadkaati hai

jo naari sindoor ko dhakati soorye dev khush hote hai
karate hai sindhur usi ka amar jo ghunghat karate hai
likhe utha ke kalam shelendar bhajan ye gaaye hai
o meri radha ghunghat me too lagati pyaari hai
hai too alabeli sarakaar too mera dil dhadkaati hai

kbhi kbhi too daal ke ghunghat panghat jaati hai
matavaali si chaal teri mere man ko bhaati hai
o meri radha ghunghat me too lagati pyaari hai,
hai too alabeli sarakaar too mera dil dhadkaati hai




hai tu albeli sarkar tu mera dil dhadkati hai Lyrics





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