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जगत में किसने सुख पायो,
जो आयो सो पछतायो, जगत में किसने सुख पायो...

जगत में किसने सुख पायो,
जो आयो सो पछतायो, जगत में किसने सुख पायो...


पांच पतिन की द्रुपद नारी,
गर्व से फूली नहीं समाती,
जुए में दांव लगायो जगत में किसने सुख पयो...

राजा हरिश्चंद्र तारा रानी,
ब्राह्मण के घर भरती पानी,
समय ने रंग दिखाया जगत में किसने सुख पाया रे...

बीस भुजा जागो नाम दशानन,
बस में कर लिए शिव चतुरानन,
फिर भी शीश कटायो जगत में किसने सुख पायो रे...

जनकपुरी की राजदुलारी,
अवधपुरी की बन गई रानी,
बन में समय बितायो जगत में किसने सुख पायो रे...

सुखी वही है जगत में भैया,
दूजा नहीं है कोई खिवैया,
जिसने हरि गुण गायो जगत में किसने सुख पायो रे...

जगत में किसने सुख पायो,
जो आयो सो पछतायो, जगत में किसने सुख पायो...




jagat me kisane sukh paayo,
jo aayo so pchhataayo, jagat me kisane sukh paayo...

jagat me kisane sukh paayo,
jo aayo so pchhataayo, jagat me kisane sukh paayo...


paanch patin ki drupad naari,
garv se phooli nahi samaati,
jue me daanv lagaayo jagat me kisane sukh payo...

raaja harishchandr taara raani,
braahaman ke ghar bharati paani,
samay ne rang dikhaaya jagat me kisane sukh paaya re...

bees bhuja jaago naam dshaanan,
bas me kar lie shiv chaturaanan,
phir bhi sheesh kataayo jagat me kisane sukh paayo re...

janakapuri ki raajadulaari,
avdhapuri ki ban gi raani,
ban me samay bitaayo jagat me kisane sukh paayo re...

sukhi vahi hai jagat me bhaiya,
dooja nahi hai koi khivaiya,
jisane hari gun gaayo jagat me kisane sukh paayo re...

jagat me kisane sukh paayo,
jo aayo so pchhataayo, jagat me kisane sukh paayo...








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