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एक दिन पार्वती कहने लगी भोले से,
सारी उम्र गई जंगल में,

एक दिन पार्वती कहने लगी भोले से,
सारी उम्र गई जंगल में,
रही ना रंग महल में मेरे फूटे नसीब,
सुनलो रे कैलाशी


भोले आ गया चोमासा,
एक महल बना दो ऐसा के जिस में रहवे सती,
सुनलो रे कैलाशी

मेरे भोले ने महल बनवाया,
उसको नाम धरा दियो लंका,
भोले ने कैसी रची माया,
सुनलो रे कैलाशी

गौरा ने गृह प्रवेश करवाया,
भोले बाबा ने रावण बुलाया,
के देवो में खलबल मची,
सुनलो रे कैलाशी
 
रावण ने हवन रचाया,
भोले बाबा ने गर्भ लुटाया,
दान में लंका दयी,
सुनलो रे कैलाशी

रावण मन में बड़ा हर्षाया,
भोले देखी तुम्हारी माया,
मैं बन गया लंकापती
सुनलो रे कैलाशी

एक दिन पार्वती कहने लगी भोले से,
सारी उम्र गई जंगल में,
रही ना रंग महल में मेरे फूटे नसीब,
सुनलो रे कैलाशी




ek din paarvati kahane lagi bhole se,
saari umr gi jangal me,

ek din paarvati kahane lagi bhole se,
saari umr gi jangal me,
rahi na rang mahal me mere phoote naseeb,
sunalo re kailaashee


bhole a gaya chomaasa,
ek mahal bana do aisa ke jis me rahave sati,
sunalo re kailaashee

mere bhole ne mahal banavaaya,
usako naam dhara diyo lanka,
bhole ne kaisi rchi maaya,
sunalo re kailaashee

gaura ne garah pravesh karavaaya,
bhole baaba ne raavan bulaaya,
ke devo me khalabal mchi,
sunalo re kailaashee
 
raavan ne havan rchaaya,
bhole baaba ne garbh lutaaya,
daan me lanka dayi,
sunalo re kailaashee

raavan man me bada harshaaya,
bhole dekhi tumhaari maaya,
mainban gaya lankaapatee
sunalo re kailaashee

ek din paarvati kahane lagi bhole se,
saari umr gi jangal me,
rahi na rang mahal me mere phoote naseeb,
sunalo re kailaashee








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