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मधुबन में धूम मचाई हो मुरलिया हरि की,
हाय हाय मुरलिया हरि की, होय होय मुरलिया हरि की,

मधुबन में धूम मचाई हो मुरलिया हरि की,
हाय हाय मुरलिया हरि की, होय होय मुरलिया हरि की,
मधुबन में धूम मचाई हो...


जैसे तैसे उल्टे सीधे गृह कारज निपटाई,
कर उल्टे श्रंगार गुजरिया बंसीवट की धाई,
मुरलिया हरि की...

खीर में नॉन दाल में शक्कर मक्खन में मिरचाई,
गऊ को साग ससुर को भूसा ऐसी मति वोराई,
मुरलिया हरि की...

जो शंकर जी कामदेव को क्षण में दिया जलाई,
वही रास दर्शन हित दौड़े गोपी बेश बनाई,
मुरलिया हरि की...

हसी बोले घनश्याम प्रियांशु यह कौन कहां से आई,
कहे शंभू आई त्रिलोचना गिरी कैलाश बिहाई,
मुरलिया हरि की...

मधुबन में धूम मचाई हो मुरलिया हरि की,
हाय हाय मुरलिया हरि की, होय होय मुरलिया हरि की,
मधुबन में धूम मचाई हो...




mdhuban me dhoom mchaai ho muraliya hari ki,
haay haay muraliya hari ki, hoy hoy muraliya hari ki,

mdhuban me dhoom mchaai ho muraliya hari ki,
haay haay muraliya hari ki, hoy hoy muraliya hari ki,
mdhuban me dhoom mchaai ho...


jaise taise ulte seedhe garah kaaraj nipataai,
kar ulte shrngaar gujariya banseevat ki dhaai,
muraliya hari ki...

kheer me nn daal me shakkar makkhan me mirchaai,
goo ko saag sasur ko bhoosa aisi mati voraai,
muraliya hari ki...

jo shankar ji kaamadev ko kshn me diya jalaai,
vahi raas darshan hit daude gopi besh banaai,
muraliya hari ki...

hasi bole ghanashyaam priyaanshu yah kaun kahaan se aai,
kahe shanbhoo aai trilochana giri kailaash bihaai,
muraliya hari ki...

mdhuban me dhoom mchaai ho muraliya hari ki,
haay haay muraliya hari ki, hoy hoy muraliya hari ki,
mdhuban me dhoom mchaai ho...








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