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रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥

रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥
जय रघुनन्दन जय घनश्याम ।
पतितपावन सीताराम ॥

भीड़ पड़ी जब भक्त पुकारे ।
दूर करो प्रभु दु:ख हमारे ॥
दशरथ के घर जन्मे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥ 1 ॥

विश्वामित्र मुनीश्वर आये ।
दशरथ भूप से वचन सुनाये ॥
संग में भेजे लक्ष्मण राम ।
पतितपावन सीताराम ॥ 2 ॥

वन में जाए ताड़का मारी ।
चरण छुआए अहिल्या तारी ॥
ऋषियों के दु:ख हरते राम ।
पतितपावन सीताराम ॥ 3 ॥

जनक पुरी रघुनन्दन आए ।
नगर निवासी दर्शन पाए ॥
सीता के मन भाए राम ।
पतितपावन सीताराम ॥ 4॥

रघुनन्दन ने धनुष चढ़ाया ।
सब राजो का मान घटाया ॥
सीता ने वर पाए राम ।
पतितपावन सीताराम ॥5॥

परशुराम क्रोधित हो आये ।
दुष्ट भूप मन में हरषाये ॥
जनक राय ने किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥6॥

बोले लखन सुनो मुनि ग्यानी ।
संत नहीं होते अभिमानी ॥
मीठी वाणी बोले राम ।
पतितपावन सीताराम ॥7॥

लक्ष्मण वचन ध्यान मत दीजो ।
जो कुछ दण्ड दास को दीजो ॥
धनुष तोडय्या हूँ मै राम ।
पतितपावन सीताराम ॥8॥

लेकर के यह धनुष चढ़ाओ ।
अपनी शक्ति मुझे दिखलाओ ॥
छूवत चाप चढ़ाये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥9॥

हुई उर्मिला लखन की नारी ।
श्रुतिकीर्ति रिपुसूदन प्यारी ॥
हुई माण्डव भरत के बाम ।
पतितपावन सीताराम ॥10॥

अवधपुरी रघुनन्दन आये ।
घर-घर नारी मंगल गाये ॥
बारह वर्ष बिताये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥11॥

गुरु वशिष्ठ से आज्ञा लीनी ।
राज तिलक तैयारी कीनी ॥
कल को होंगे राजा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥12॥

कुटिल मंथरा ने बहकाई ।
कैकई ने यह बात सुनाई ॥
दे दो मेरे दो वरदान ।
पतितपावन सीताराम ॥13॥

मेरी विनती तुम सुन लीजो ।
भरत पुत्र को गद्दी दीजो ॥
होत प्रात वन भेजो राम ।
पतितपावन सीताराम ॥14॥

धरनी गिरे भूप ततकाला ।
लागा दिल में सूल विशाला ॥
तब सुमन्त बुलवाये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥15॥

राम पिता को शीश नवाये ।
मुख से वचन कहा नहीं जाये ॥
कैकई वचन सुनयो राम ।
पतितपावन सीताराम ॥16॥

राजा के तुम प्राण प्यारे ।
इनके दु:ख हरोगे सारे ॥
अब तुम वन में जाओ राम ।
पतितपावन सीताराम ॥17॥

वन में चौदह वर्ष बिताओ ।
रघुकुल रीति-नीति अपनाओ ॥
तपसी वेष बनाओ राम ।
पतितपावन सीताराम ॥18॥

सुनत वचन राघव हरषाये ।
माता जी के मंदिर आये ॥
चरण कमल मे किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥19॥

माता जी मैं तो वन जाऊं ।
चौदह वर्ष बाद फिर आऊं ॥
चरण कमल देखूं सुख धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥20॥

सुनी शूल सम जब यह बानी ।
भू पर गिरी कौशल्या रानी ॥
धीरज बंधा रहे श्रीराम ।
पतितपावन सीताराम ॥21॥

सीताजी जब यह सुन पाई ।
रंग महल से नीचे आई ॥
कौशल्या को किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥22॥

मेरी चूक क्षमा कर दीजो ।
वन जाने की आज्ञा दीजो ॥
सीता को समझाते राम ।
पतितपावन सीताराम ॥23॥

मेरी सीख सिया सुन लीजो ।
सास ससुर की सेवा कीजो ॥
मुझको भी होगा विश्राम ।
पतितपावन सीताराम ॥24॥

मेरा दोष बता प्रभु दीजो ।
संग मुझे सेवा में लीजो ॥
अर्द्धांगिनी तुम्हारी राम ।
पतितपावन सीताराम ॥25॥

समाचार सुनि लक्ष्मण आये ।
धनुष बाण संग परम सुहाये ॥
बोले संग चलूंगा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥26॥

राम लखन मिथिलेश कुमारी ।
वन जाने की करी तैयारी ॥
रथ में बैठ गये सुख धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥27॥

अवधपुरी के सब नर नारी ।
समाचार सुन व्याकुल भारी ॥
मचा अवध में कोहराम ।
पतितपावन सीताराम ॥28॥

श्रृंगवेरपुर रघुवर आये ।
रथ को अवधपुरी लौटाये ॥
गंगा तट पर आये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥29॥

केवट कहे चरण धुलवाओ ।
पीछे नौका में चढ़ जाओ ॥
पत्थर कर दी, नारी राम ।
पतितपावन सीताराम ॥30॥

लाया एक कठौता पानी ।
चरण कमल धोये सुख मानी ॥
नाव चढ़ाये लक्ष्मण राम ।
पतितपावन सीताराम ॥31॥

उतराई में मुदरी दीनी ।
केवट ने यह विनती कीनी ॥
उतराई नहीं लूंगा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥32॥

तुम आये, हम घाट उतारे ।
हम आयेंगे घाट तुम्हारे ॥
तब तुम पार लगायो राम ।
पतितपावन सीताराम ॥33॥

भरद्वाज आश्रम पर आये ।
राम लखन ने शीष नवाए ॥
एक रात कीन्हा विश्राम ।
पतितपावन सीताराम ॥34॥

भाई भरत अयोध्या आये ।
कैकई को कटु वचन सुनाये ॥
क्यों तुमने वन भेजे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥35॥

चित्रकूट रघुनंदन आये ।
वन को देख सिया सुख पाये ॥
मिले भरत से भाई राम ।
पतितपावन सीताराम ॥36॥

अवधपुरी को चलिए भाई ।
यह सब कैकई की कुटिलाई ॥
तनिक दोष नहीं मेरा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥37॥

चरण पादुका तुम ले जाओ ।
पूजा कर दर्शन फल पावो ॥
भरत को कंठ लगाये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥38॥

आगे चले राम रघुराया ।
निशाचरों का वंश मिटाया ॥
ऋषियों के हुए पूरन काम ।
पतितपावन सीताराम ॥39॥

अनसूया की कुटीया आये ।
दिव्य वस्त्र सिय मां ने पाय ॥
था मुनि अत्री का वह धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥40॥

मुनि-स्थान आए रघुराई ।
शूर्पनखा की नाक कटाई ॥
खरदूषन को मारे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥41॥

पंचवटी रघुनंदन आए ।
कनक मृग मारीच संग धाये ॥
लक्ष्मण तुम्हें बुलाते राम ।
पतितपावन सीताराम ॥42॥

रावण साधु वेष में आया ।
भूख ने मुझको बहुत सताया ॥
भिक्षा दो यह धर्म का काम ।
पतितपावन सीताराम ॥43॥

भिक्षा लेकर सीता आई ।
हाथ पकड़ रथ में बैठाई ॥
सूनी कुटिया देखी भाई ।
पतितपावन सीताराम ॥44॥

धरनी गिरे राम रघुराई ।
सीता के बिन व्याकुलताई ॥
हे प्रिय सीते, चीखे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥45॥

लक्ष्मण, सीता छोड़ नहीं तुम आते ।
जनक दुलारी नहीं गंवाते ॥
बने बनाये बिगड़े काम ।
पतितपावन सीताराम ॥46 ॥

कोमल बदन सुहासिनि सीते ।
तुम बिन व्यर्थ रहेंगे जीते ॥
लगे चाँदनी-जैसे घाम ।
पतितपावन सीताराम ॥47॥

सुन री मैना, सुन रे तोता ।
मैं भी पंखो वाला होता ॥
वन वन लेता ढूंढ तमाम ।
पतितपावन सीताराम ॥48 ॥

श्यामा हिरनी, तू ही बता दे ।
जनक नन्दनी मुझे मिला दे ॥
तेरे जैसी आँखे श्याम ।
पतितपावन सीताराम ॥49॥

वन वन ढूंढ रहे रघुराई ।
जनक दुलारी कहीं न पाई ॥
गृद्धराज ने किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥50॥

चख चख कर फल शबरी लाई ।
प्रेम सहित खाये रघुराई ॥
ऎसे मीठे नहीं हैं आम ।
पतितपावन सीताराम ॥51॥

विप्र रुप धरि हनुमत आए ।
चरण कमल में शीश नवाये ॥
कन्धे पर बैठाये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥52॥

सुग्रीव से करी मिताई ।
अपनी सारी कथा सुनाई ॥
बाली पहुंचाया निज धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥53॥

सिंहासन सुग्रीव बिठाया ।
मन में वह अति हर्षाया ॥
वर्षा ऋतु आई हे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥54॥

हे भाई लक्ष्मण तुम जाओ ।
वानरपति को यूं समझाओ ॥
सीता बिन व्याकुल हैं राम ।
पतितपावन सीताराम ॥55॥

देश देश वानर भिजवाए ।
सागर के सब तट पर आए ॥
सहते भूख प्यास और घाम ।
पतितपावन सीताराम ॥56॥

सम्पाती ने पता बताया ।
सीता को रावण ले आया ॥
सागर कूद गए हनुमान ।
पतितपावन सीताराम ॥57॥

कोने कोने पता लगाया ।
भगत विभीषण का घर पाया ॥
हनुमान को किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥58॥

अशोक वाटिका हनुमत आए ।
वृक्ष तले सीता को पाये ॥
आँसू बरसे आठो याम ।
पतितपावन सीताराम ॥59॥

रावण संग निशिचरी लाके ।
सीता को बोला समझा के ॥
मेरी ओर तुम देखो बाम ।
पतितपावन सीताराम ॥60॥

मन्दोदरी बना दूँ दासी ।
सब सेवा में लंका वासी ॥
करो भवन में चलकर विश्राम ।
पतितपावन सीताराम ॥61॥

चाहे मस्तक कटे हमारा ।
मैं नहीं देखूं बदन तुम्हारा ॥
मेरे तन मन धन है राम ।
पतितपावन सीताराम ॥62॥

ऊपर से मुद्रिका गिराई ।
सीता जी ने कंठ लगाई ॥
हनुमान ने किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥63॥

मुझको भेजा है रघुराया ।
सागर लांघ यहां मैं आया ॥
मैं हूं राम दास हनुमान ।
पतितपावन सीताराम ॥64॥

भूख लगी फल खाना चाहूँ ।
जो माता की आज्ञा पाऊँ ॥
सब के स्वामी हैं श्री राम ।
पतितपावन सीताराम ॥65॥

सावधान हो कर फल खाना ।
रखवालों को भूल ना जाना ॥
निशाचरों का है यह धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥66॥

हनुमान ने वृक्ष उखाड़े ।
देख देख माली ललकारे ॥
मार-मार पहुंचाये धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥67॥

अक्षय कुमार को स्वर्ग पहुंचाया ।
इन्द्रजीत को फांसी ले आया ॥
ब्रह्मफांस से बंधे हनुमान ।
पतितपावन सीताराम ॥68॥

सीता को तुम लौटा दीजो ।
उन से क्षमा याचना कीजो ॥
तीन लोक के स्वामी राम ।
पतितपावन सीताराम ॥69॥

भगत बिभीषण ने समझाया ।
रावण ने उसको धमकाया ॥
सनमुख देख रहे रघुराई ।
पतितपावन सीताराम ॥70॥

रूई, तेल घृत वसन मंगाई ।
पूंछ बांध कर आग लगाई ॥
पूंछ घुमाई है हनुमान ॥
पतितपावन सीताराम ॥71॥

सब लंका में आग लगाई ।
सागर में जा पूंछ बुझाई ॥
ह्रदय कमल में राखे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥72॥

सागर कूद लौट कर आये ।
समाचार रघुवर ने पाये ॥
दिव्य भक्ति का दिया इनाम ।
पतितपावन सीताराम ॥73॥

वानर रीछ संग में लाए ।
लक्ष्मण सहित सिंधु तट आए ॥
लगे सुखाने सागर राम ।
पतितपावन सीताराम ॥74॥

सेतू कपि नल नील बनावें ।
राम-राम लिख सिला तिरावें ॥
लंका पहुँचे राजा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥75॥

अंगद चल लंका में आया ।
सभा बीच में पांव जमाया ॥
बाली पुत्र महा बलधाम ।
पतितपावन सीताराम ॥76॥

रावण पाँव हटाने आया ।
अंगद ने फिर पांव उठाया ॥
क्षमा करें तुझको श्री राम ।
पतितपावन सीताराम ॥77॥

निशाचरों की सेना आई ।
गरज तरज कर हुई लड़ाई ॥
वानर बोले जय सिया राम ।
पतितपावन सीताराम ॥78॥

इन्द्रजीत ने शक्ति चलाई ।
धरनी गिरे लखन मुरझाई ॥
चिन्ता करके रोये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥79॥

जब मैं अवधपुरी से आया ।
हाय पिता ने प्राण गंवाया ॥
वन में गई चुराई बाम ।
पतितपावन सीताराम ॥80॥

भाई तुमने भी छिटकाया ।
जीवन में कुछ सुख नहीं पाया ॥
सेना में भारी कोहराम ।
पतितपावन सीताराम ॥81।

जो संजीवनी बूटी को लाए ।
तो भाई जीवित हो जाये ॥
बूटी लायेगा हनुमान ।
पतितपावन सीताराम ॥82॥

जब बूटी का पता न पाया ।
पर्वत ही लेकर के आया ॥
काल नेम पहुंचाया धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥83॥

भक्त भरत ने बाण चलाया ।
चोट लगी हनुमत लंगड़ाया ॥
मुख से बोले जय सिया राम ।
पतितपावन सीताराम ॥84॥

बोले भरत बहुत पछताकर ।
पर्वत सहित बाण बैठाकर ॥
तुम्हें मिला दूं राजा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥85॥

बूटी लेकर हनुमत आया ।
लखन लाल उठ शीष नवाया ॥
हनुमत कंठ लगाये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥86॥

कुंभकरन उठकर तब आया ।
एक बाण से उसे गिराया ॥
इन्द्रजीत पहुँचाया धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥87॥

दुर्गापूजन रावण कीनो ।
नौ दिन तक आहार न लीनो ॥
आसन बैठ किया है ध्यान ।
पतितपावन सीताराम ॥88॥

रावण का व्रत खंडित कीना ।
परम धाम पहुँचा ही दीना ॥
वानर बोले जय श्री राम ।
पतितपावन सीताराम ॥89॥

सीता ने हरि दर्शन कीना ।
चिन्ता शोक सभी तज दीना ॥
हँस कर बोले राजा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥90॥

पहले अग्नि परीक्षा पाओ ।
पीछे निकट हमारे आओ ॥
तुम हो पतिव्रता हे बाम ।
पतितपावन सीताराम ॥91॥

करी परीक्षा कंठ लगाई ।
सब वानर सेना हरषाई ॥
राज्य बिभीषन दीन्हा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥92॥

फिर पुष्पक विमान मंगाया ।
सीता सहित बैठे रघुराया ॥
दण्डकवन में उतरे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥93॥

ऋषिवर सुन दर्शन को आये ।
स्तुति कर मन में हर्षाये ॥
तब गंगा तट आये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥94॥

नन्दी ग्राम पवनसुत आये ।
भाई भरत को वचन सुनाए ॥
लंका से आए हैं राम ।
पतितपावन सीताराम ॥95॥

कहो विप्र तुम कहां से आए ।
ऎसे मीठे वचन सुनाए ॥
मुझे मिला दो भैया राम ।
पतितपावन सीताराम ॥96॥

अवधपुरी रघुनन्दन आये ।
मंदिर-मंदिर मंगल छाये ॥
माताओं ने किया प्रणाम ।
पतितपावन सीताराम ॥97॥

भाई भरत को गले लगाया ।
सिंहासन बैठे रघुराया ॥
जग ने कहा, हैं राजा राम ।
पतितपावन सीताराम ॥98॥

सब भूमि विप्रो को दीनी ।
विप्रों ने वापस दे दीनी ॥
हम तो भजन करेंगे राम ।
पतितपावन सीताराम ॥99॥

धोबी ने धोबन धमकाई ।
रामचन्द्र ने यह सुन पाई ॥
वन में सीता भेजी राम ।
पतितपावन सीताराम ॥100॥

बाल्मीकि आश्रम में आई ।
लव व कुश हुए दो भाई ॥
धीर वीर ज्ञानी बलवान ।
पतितपावन सीताराम ॥101॥

अश्वमेघ यज्ञ किन्हा राम ।
सीता बिन सब सूने काम ॥
लव कुश वहां दीयो पहचान ।
पतितपावन सीताराम ॥102॥

सीता, राम बिना अकुलाई ।
भूमि से यह विनय सुनाई ॥
मुझको अब दीजो विश्राम ।
पतितपावन सीताराम ॥103॥

सीता भूमि में समाई ।
देखकर चिन्ता की रघुराई ॥
बार बार पछताये राम ।
पतितपावन सीताराम ॥104॥

राम राज्य में सब सुख पावें ।
प्रेम मग्न हो हरि गुन गावें ॥
दुख कलेश का रहा न नाम ।
पतितपावन सीताराम ॥105॥

ग्यारह हजार वर्ष परयन्ता ।
राज कीन्ह श्री लक्ष्मी कंता ॥
फिर बैकुण्ठ पधारे धाम ।
पतितपावन सीताराम ॥106॥

अवधपुरी बैकुण्ठ सिधाई ।
नर नारी सबने गति पाई ॥
शरनागत प्रतिपालक राम ।
पतितपावन सीताराम ॥107॥

श्याम सुंदर ने लीला गाई ।
मेरी विनय सुनो रघुराई ॥
भूलूँ नहीं तुम्हारा नाम ।
पतितपावन सीताराम ॥108॥



rghupati raaghav raajaaram .
patitapaavan seetaaram ..

rghupati raaghav raajaaram .
patitapaavan seetaaram ..
jay rghunandan jay ghanashyaam .
patitapaavan seetaaram ..

bheed padi jab bhakt pukaare .
door karo prbhu du:kh hamaare ..
dsharth ke ghar janme ram .
patitapaavan seetaaram .. 1 ..

vishvaamitr muneeshvar aaye .
dsharth bhoop se vchan sunaaye ..
sang me bheje lakshman ram .
patitapaavan seetaaram .. 2 ..

van me jaae taadaka maari .
charan chhuaae ahilya taari ..
rishiyon ke du:kh harate ram .
patitapaavan seetaaram .. 3 ..

janak puri rghunandan aae .
nagar nivaasi darshan paae ..
seeta ke man bhaae ram .
patitapaavan seetaaram .. 4..

rghunandan ne dhanush chadahaaya .
sab raajo ka maan ghataaya ..
seeta ne var paae ram .
patitapaavan seetaaram ..5..

parshuram krodhit ho aaye .
dusht bhoop man me harshaaye ..
janak raay ne kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..6..

bole lkhan suno muni gyaani .
sant nahi hote abhimaani ..
meethi vaani bole ram .
patitapaavan seetaaram ..7..

lakshman vchan dhayaan mat deejo .
jo kuchh dand daas ko deejo ..
dhanush todayya hoon mai ram .
patitapaavan seetaaram ..8..

lekar ke yah dhanush chadahaao .
apani shakti mujhe dikhalaao ..
chhoovat chaap chadahaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..9..

hui urmila lkhan ki naari .
shrutikeerti ripusoodan pyaari ..
hui maandav bharat ke baam .
patitapaavan seetaaram ..10..

avdhapuri rghunandan aaye .
ghar-ghar naari mangal gaaye ..
baarah varsh bitaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..11..

guru vshishth se aagya leeni .
raaj tilak taiyaari keeni ..
kal ko honge raaja ram .
patitapaavan seetaaram ..12..

kutil manthara ne bahakaai .
kaiki ne yah baat sunaai ..
de do mere do varadaan .
patitapaavan seetaaram ..13..

meri vinati tum sun leejo .
bharat putr ko gaddi deejo ..
hot praat van bhejo ram .
patitapaavan seetaaram ..14..

dharani gire bhoop tatakaala .
laaga dil me sool vishaala ..
tab sumant bulavaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..15..

ram pita ko sheesh navaaye .
mukh se vchan kaha nahi jaaye ..
kaiki vchan sunayo ram .
patitapaavan seetaaram ..16..

raaja ke tum praan pyaare .
inake du:kh haroge saare ..
ab tum van me jaao ram .
patitapaavan seetaaram ..17..

van me chaudah varsh bitaao .
rghukul reeti-neeti apanaao ..
tapasi vesh banaao ram .
patitapaavan seetaaram ..18..

sunat vchan raaghav harshaaye .
maata ji ke mandir aaye ..
charan kamal me kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..19..

maata ji mainto van jaaoon .
chaudah varsh baad phir aaoon ..
charan kamal dekhoon sukh dhaam .
patitapaavan seetaaram ..20..

suni shool sam jab yah baani .
bhoo par giri kaushalya raani ..
dheeraj bandha rahe shreeram .
patitapaavan seetaaram ..21..

seetaaji jab yah sun paai .
rang mahal se neeche aai ..
kaushalya ko kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..22..

meri chook kshma kar deejo .
van jaane ki aagya deejo ..
seeta ko samjhaate ram .
patitapaavan seetaaram ..23..

meri seekh siya sun leejo .
saas sasur ki seva keejo ..
mujhako bhi hoga vishram .
patitapaavan seetaaram ..24..

mera dosh bata prbhu deejo .
sang mujhe seva me leejo ..
arddhaangini tumhaari ram .
patitapaavan seetaaram ..25..

samaachaar suni lakshman aaye .
dhanush baan sang param suhaaye ..
bole sang chaloonga ram .
patitapaavan seetaaram ..26..

ram lkhan mithilesh kumaari .
van jaane ki kari taiyaari ..
rth me baith gaye sukh dhaam .
patitapaavan seetaaram ..27..

avdhapuri ke sab nar naari .
samaachaar sun vyaakul bhaari ..
mcha avdh me koharam .
patitapaavan seetaaram ..28..

shrrangaverapur rghuvar aaye .
rth ko avdhapuri lautaaye ..
ganga tat par aaye ram .
patitapaavan seetaaram ..29..

kevat kahe charan dhulavaao .
peechhe nauka me chadah jaao ..
patthar kar di, naari ram .
patitapaavan seetaaram ..30..

laaya ek kthauta paani .
charan kamal dhoye sukh maani ..
naav chadahaaye lakshman ram .
patitapaavan seetaaram ..31..

utaraai me mudari deeni .
kevat ne yah vinati keeni ..
utaraai nahi loonga ram .
patitapaavan seetaaram ..32..

tum aaye, ham ghaat utaare .
ham aayenge ghaat tumhaare ..
tab tum paar lagaayo ram .
patitapaavan seetaaram ..33..

bharadvaaj aashrm par aaye .
ram lkhan ne sheesh navaae ..
ek raat keenha vishram .
patitapaavan seetaaram ..34..

bhaai bharat ayodhaya aaye .
kaiki ko katu vchan sunaaye ..
kyon tumane van bheje ram .
patitapaavan seetaaram ..35..

chitrkoot rghunandan aaye .
van ko dekh siya sukh paaye ..
mile bharat se bhaai ram .
patitapaavan seetaaram ..36..

avdhapuri ko chalie bhaai .
yah sab kaiki ki kutilaai ..
tanik dosh nahi mera ram .
patitapaavan seetaaram ..37..

charan paaduka tum le jaao .
pooja kar darshan phal paavo ..
bharat ko kanth lagaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..38..

aage chale ram rghuraaya .
nishaacharon ka vansh mitaaya ..
rishiyon ke hue pooran kaam .
patitapaavan seetaaram ..39..

anasooya ki kuteeya aaye .
divy vastr siy maan ne paay ..
tha muni atri ka vah dhaam .
patitapaavan seetaaram ..40..

muni-sthaan aae rghuraai .
shoorpankha ki naak kataai ..
kharadooshan ko maare ram .
patitapaavan seetaaram ..41..

panchavati rghunandan aae .
kanak marag maareech sang dhaaye ..
lakshman tumhen bulaate ram .
patitapaavan seetaaram ..42..

raavan saadhu vesh me aaya .
bhookh ne mujhako bahut sataaya ..
bhiksha do yah dharm ka kaam .
patitapaavan seetaaram ..43..

bhiksha lekar seeta aai .
haath pakad rth me baithaai ..
sooni kutiya dekhi bhaai .
patitapaavan seetaaram ..44..

dharani gire ram rghuraai .
seeta ke bin vyaakulataai ..
he priy seete, cheekhe ram .
patitapaavan seetaaram ..45..

lakshman, seeta chhod nahi tum aate .
janak dulaari nahi ganvaate ..
bane banaaye bigade kaam .
patitapaavan seetaaram ..46 ..

komal badan suhaasini seete .
tum bin vyarth rahenge jeete ..
lage chaandani-jaise ghaam .
patitapaavan seetaaram ..47..

sun ri maina, sun re tota .
mainbhi pankho vaala hota ..
van van leta dhoondh tamaam .
patitapaavan seetaaram ..48 ..

shyaama hirani, too hi bata de .
janak nandani mujhe mila de ..
tere jaisi aankhe shyaam .
patitapaavan seetaaram ..49..

van van dhoondh rahe rghuraai .
janak dulaari kaheen n paai ..
garaddharaaj ne kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..50..

chkh chkh kar phal shabari laai .
prem sahit khaaye rghuraai ..
se meethe nahi hain aam .
patitapaavan seetaaram ..51..

vipr rup dhari hanumat aae .
charan kamal me sheesh navaaye ..
kandhe par baithaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..52..

sugreev se kari mitaai .
apani saari ktha sunaai ..
baali pahunchaaya nij dhaam .
patitapaavan seetaaram ..53..

sinhaasan sugreev bithaaya .
man me vah ati harshaaya ..
varsha ritu aai he ram .
patitapaavan seetaaram ..54..

he bhaai lakshman tum jaao .
vaanarapati ko yoon samjhaao ..
seeta bin vyaakul hain ram .
patitapaavan seetaaram ..55..

desh desh vaanar bhijavaae .
saagar ke sab tat par aae ..
sahate bhookh pyaas aur ghaam .
patitapaavan seetaaram ..56..

sampaati ne pata bataaya .
seeta ko raavan le aaya ..
saagar kood ge hanuman .
patitapaavan seetaaram ..57..

kone kone pata lagaaya .
bhagat vibheeshan ka ghar paaya ..
hanuman ko kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..58..

ashok vaatika hanumat aae .
vriksh tale seeta ko paaye ..
aansoo barase aatho yaam .
patitapaavan seetaaram ..59..

raavan sang nishichari laake .
seeta ko bola samjha ke ..
meri or tum dekho baam .
patitapaavan seetaaram ..60..

mandodari bana doon daasi .
sab seva me lanka vaasi ..
karo bhavan me chalakar vishram .
patitapaavan seetaaram ..61..

chaahe mastak kate hamaara .
mainnahi dekhoon badan tumhaara ..
mere tan man dhan hai ram .
patitapaavan seetaaram ..62..

oopar se mudrika giraai .
seeta ji ne kanth lagaai ..
hanuman ne kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..63..

mujhako bheja hai rghuraaya .
saagar laangh yahaan mainaaya ..
mainhoon ram daas hanuman .
patitapaavan seetaaram ..64..

bhookh lagi phal khaana chaahoon .
jo maata ki aagya paaoon ..
sab ke svaami hain shri ram .
patitapaavan seetaaram ..65..

saavdhaan ho kar phal khaana .
rkhavaalon ko bhool na jaana ..
nishaacharon ka hai yah dhaam .
patitapaavan seetaaram ..66..

hanuman ne vriksh ukhaade .
dekh dekh maali lalakaare ..
maar-maar pahunchaaye dhaam .
patitapaavan seetaaram ..67..

akshy kumaar ko svarg pahunchaaya .
indrajeet ko phaansi le aaya ..
brahamphaans se bandhe hanuman .
patitapaavan seetaaram ..68..

seeta ko tum lauta deejo .
un se kshma yaachana keejo ..
teen lok ke svaami ram .
patitapaavan seetaaram ..69..

bhagat bibheeshan ne samjhaaya .
raavan ne usako dhamakaaya ..
sanamukh dekh rahe rghuraai .
patitapaavan seetaaram ..70..

rooi, tel gharat vasan mangaai .
poonchh baandh kar aag lagaai ..
poonchh ghumaai hai hanuman ..
patitapaavan seetaaram ..71..

sab lanka me aag lagaai .
saagar me ja poonchh bujhaai ..
haraday kamal me raakhe ram .
patitapaavan seetaaram ..72..

saagar kood laut kar aaye .
samaachaar rghuvar ne paaye ..
divy bhakti ka diya inaam .
patitapaavan seetaaram ..73..

vaanar reechh sang me laae .
lakshman sahit sindhu tat aae ..
lage sukhaane saagar ram .
patitapaavan seetaaram ..74..

setoo kapi nal neel banaaven .
ram-ram likh sila tiraaven ..
lanka pahunche raaja ram .
patitapaavan seetaaram ..75..

angad chal lanka me aaya .
sbha beech me paanv jamaaya ..
baali putr maha baldhaam .
patitapaavan seetaaram ..76..

raavan paanv hataane aaya .
angad ne phir paanv uthaaya ..
kshma karen tujhako shri ram .
patitapaavan seetaaram ..77..

nishaacharon ki sena aai .
garaj taraj kar hui ladaai ..
vaanar bole jay siya ram .
patitapaavan seetaaram ..78..

indrajeet ne shakti chalaai .
dharani gire lkhan murjhaai ..
chinta karake roye ram .
patitapaavan seetaaram ..79..

jab mainavdhapuri se aaya .
haay pita ne praan ganvaaya ..
van me gi churaai baam .
patitapaavan seetaaram ..80..

bhaai tumane bhi chhitakaaya .
jeevan me kuchh sukh nahi paaya ..
sena me bhaari koharam .
patitapaavan seetaaram ..81.

jo sanjeevani booti ko laae .
to bhaai jeevit ho jaaye ..
booti laayega hanuman .
patitapaavan seetaaram ..82..

jab booti ka pata n paaya .
parvat hi lekar ke aaya ..
kaal nem pahunchaaya dhaam .
patitapaavan seetaaram ..83..

bhakt bharat ne baan chalaaya .
chot lagi hanumat langadaaya ..
mukh se bole jay siya ram .
patitapaavan seetaaram ..84..

bole bharat bahut pchhataakar .
parvat sahit baan baithaakar ..
tumhen mila doon raaja ram .
patitapaavan seetaaram ..85..

booti lekar hanumat aaya .
lkhan laal uth sheesh navaaya ..
hanumat kanth lagaaye ram .
patitapaavan seetaaram ..86..

kunbhakaran uthakar tab aaya .
ek baan se use giraaya ..
indrajeet pahunchaaya dhaam .
patitapaavan seetaaram ..87..

durgaapoojan raavan keeno .
nau din tak aahaar n leeno ..
aasan baith kiya hai dhayaan .
patitapaavan seetaaram ..88..

raavan ka vrat khandit keena .
param dhaam pahuncha hi deena ..
vaanar bole jay shri ram .
patitapaavan seetaaram ..89..

seeta ne hari darshan keena .
chinta shok sbhi taj deena ..
hans kar bole raaja ram .
patitapaavan seetaaram ..90..

pahale agni pareeksha paao .
peechhe nikat hamaare aao ..
tum ho pativrata he baam .
patitapaavan seetaaram ..91..

kari pareeksha kanth lagaai .
sab vaanar sena harshaai ..
raajy bibheeshan deenha ram .
patitapaavan seetaaram ..92..

phir pushpak vimaan mangaaya .
seeta sahit baithe rghuraaya ..
dandakavan me utare ram .
patitapaavan seetaaram ..93..

rishivar sun darshan ko aaye .
stuti kar man me harshaaye ..
tab ganga tat aaye ram .
patitapaavan seetaaram ..94..

nandi gram pavanasut aaye .
bhaai bharat ko vchan sunaae ..
lanka se aae hain ram .
patitapaavan seetaaram ..95..

kaho vipr tum kahaan se aae .
se meethe vchan sunaae ..
mujhe mila do bhaiya ram .
patitapaavan seetaaram ..96..

avdhapuri rghunandan aaye .
mandir-mandir mangal chhaaye ..
maataaon ne kiya pranaam .
patitapaavan seetaaram ..97..

bhaai bharat ko gale lagaaya .
sinhaasan baithe rghuraaya ..
jag ne kaha, hain raaja ram .
patitapaavan seetaaram ..98..

sab bhoomi vipro ko deeni .
vipron ne vaapas de deeni ..
ham to bhajan karenge ram .
patitapaavan seetaaram ..99..

dhobi ne dhoban dhamakaai .
ramchandr ne yah sun paai ..
van me seeta bheji ram .
patitapaavan seetaaram ..100..

baalmeeki aashrm me aai .
lav v kush hue do bhaai ..
dheer veer gyaani balavaan .
patitapaavan seetaaram ..101..

ashvamegh yagy kinha ram .
seeta bin sab soone kaam ..
lav kush vahaan deeyo pahchaan .
patitapaavan seetaaram ..102..

seeta, ram bina akulaai .
bhoomi se yah vinay sunaai ..
mujhako ab deejo vishram .
patitapaavan seetaaram ..103..

seeta bhoomi me samaai .
dekhakar chinta ki rghuraai ..
baar baar pchhataaye ram .
patitapaavan seetaaram ..104..

ram raajy me sab sukh paaven .
prem magn ho hari gun gaaven ..
dukh kalesh ka raha n naam .
patitapaavan seetaaram ..105..

gyaarah hajaar varsh parayanta .
raaj keenh shri lakshmi kanta ..
phir baikunth pdhaare dhaam .
patitapaavan seetaaram ..106..

avdhapuri baikunth sidhaai .
nar naari sabane gati paai ..
sharanaagat pratipaalak ram .
patitapaavan seetaaram ..107..

shyaam sundar ne leela gaai .
meri vinay suno rghuraai ..
bhooloon nahi tumhaara naam .
patitapaavan seetaaram ..108..







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