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हद कर दी हर कर दी,
तूने इतना दिया की हद कर दी ,
जिनके नाम से सुमिरन से ही बन जाता हर
देवो में है देव निराला राम भक्त
ज़ख़्म भी खाया कह नहीं पाया,
साहस तक भी मैं कर ना पाया,
त्रिवेणी में भक्ति भाव से आकर डुबकी
महा कुम्ब में पुण्य कमा कर भाव सागर तर
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,
जिसकी महिमा भाखानि न जाए,
कहाँ जाके फरियाद करू,
तू ही मेरा ठिकाना है,
तीन लोक चौदह भवनों में होया उजाला तेरा
मेहंदीपुर वाले बाला जी मने लिया सहारा
बेसहारा श्याम सहारो चाहिए,
अरे बाबा थारी किरपा को इशारो चाहिए,
सीता के सिंधुर से राजी कौशल्या के
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,
सालासर के मंदिर में भक्त बावरो नाचे
आप भी नाचे और नचावे थारो चली सो बागे रे,
मेरे श्याम इक तुम ही सहारा हारे का
तेरे होते क्यों फिरू मैं मारा मारा
तू है कमाल बाबा तू है कमाल,
तेरी महिमा कमाल मैया मोरवी का लाल,
रब दी रूह दे नो दरवाजे दसवा गुप्त
उस गली दी सार न मैं जाना जिथे यार समाया,
खाटू में जब से पाँव पड़े है मेरे घर के
बाबा तेरे खाटू में यहाँ प्रेमी के तू
पता पता श्याम बोलता
निकल न जाए हाथ से तेरे मौका ये अनमोल,
जय माता दी बोल बंदे जय माता दी बोल,
मुहो जय माँ जय माँ बोली जा,
खुशिया दे बूहे खोली जा,
आज शनिवार है शनि जी का वार है,
इक बार जो दर्शन करले उसका बेडा पार है,
जपो जी राम जपो सुबहो और शाम जपो,
सत्य बोल नित प्राणी सत्ये निष्ठ बन
सत्ये ही परमेश्वर है सतय ही सुख है,
उड़ूँ आसमान में माँ बन के पतंग तेरी,
छोड़ न देना कही डोर तू मेरी,
झूमो नाचो गाओ सारे खुशिया मनाओ ये घडी
दूर खड़े तुम न सोचो शर्म छोड़ो आके
सुन सच्दानन्द साईं आज दिल खोल के नाचे
तेरे प्यारे जय साईं जय साईं बोल के
मैया तेरे दर दे नजारे सोहने लगदे,
ज्योता विचो पेंदे लिश्कारे सोहने
मधुबन की लताओं में घनश्याम तुम्हें
घनघोर घटाओ में घनश्याम तुम्हें देखू,
पल्ला पल्ला भरदे पल्ला भरदे मेरा खली
सुनले अर्ज पुकारा तनु वाजा मारा,
तुझे ही पाने की हसरत लिए मैं आया हु,
दीवाना हो गया दीदार तेरा पाकर के,
ओ मेरे श्याम तूने मुझको क्यों भुला
बह गये अरमा तूने मुझको क्यों रुला डाला
तेरे बाजो दातिये ने साडी काहदी शान है,
आजा इको बार माँ उडीकदा जहां है,
श्याम शीश मेरा तेरे कदम,
झुका लू ज़रा सा पा जाओ दम,
तेरे दर्शन को मैया तेरे दवार पे आये है,
तुम्हें प्रीत मेरी निभानी पड़ेगी,
मुझे श्याम अपना बनाकर तो देखो,
कन्हैया तेरो कारो री केसे ब्याहु राधै,
मैया की महफ़िल को मैया सजाती है,
किस्मत वालो के घर में मैया आती है,
संशाना दिया बस्मा मल के सारा जिस्म
तू ले तुरदा भुता दे नाल वग नु वग नु,
गणपति महाराज जी मेरे गणपति,
मेरे पुराण करियो काज जी,
ओहदे दर ते हुन्दे देखे दूर भुलेखे वे,
मैं माँ अम्बके दे चरना विच सुख देखे ने,
धरती माता की संतान चलो चले कुंभ महान,
पापो से मुक्ति मिल जाती कर तिरवेनी में
तेरे दर पे आये है शीश झुका कर नमन करता
दूजा कहा है कोई मेरा तेरे बिना मेरी
रखिये मैं तेरे उते आस साई टूटना है
तेरे तरल पौनी आ मैनु जग दा भरोसा नहीं
नगर में जोगी आया यशोदा के घर आया,
आके अलख जगाया अज़ब है तेरी माया,
मैं दवार तेरे आया हु फर्याद मैं एक
भरदे झोली अब भगवन भरदे झोली भगवन,
मजहब की दीवारों से ऊंचा उठ कर देखे,
वो हर एक सेह में हर इक रूप में मुझको ही
अर्जी यही है मेरी रखना सदा तू मेरा
अपना बनाये रखना,
जब जब ये मन घबराये तुम प्राथना करो,
जब राह नजर ना आये तुम प्राथना करो,
गंगा यमुना सरस्वती के बहते अमृतधारे
संगम सब देवो संग होगा संगम घाट किनारे
आज सुहानी रात है भगतो जगराते दी आई,
सब संगता ने आके दर ते रौनक खूब लगाई,
श्याम के रहते अब जीवन में चिंता नहीं
हर मुश्कील से पहले मेरा बाबा आ जाए,
सोने का छत्र चढ़ाऊ मेरी माँ पूरी करदे
देवी दुर्गे उमा विस्व जननी रमा मा
एक जगदम्बा तेरा सहारा,
रूप है तेरा बेहिसाब श्याम पर्दा करो,
और उस पर ये शबाब श्याम पर्दा करो,
मेरी मैया बेपरवाह है तू,
संकट हरो मेरे बक्सगुन्हा माई तू,
साई तेरी याद महा सुखदाई,
इक तू ही रखवाला जग में,
सँवारे को अपना बना के देख ले,
मौज ही उड़ाए गा रिजाके देख ले,
हो जावे शुकराना ओह दा कलम बनाई काने दी,
सतगुरु मेरे चाभी दिति इक अनमोल खजाने
तेरा दर तो बिहारी जी,
दुखियों का सहारा है,
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
मेरे श्याम तेरा मुस्काना सब घायल करे
सारे जग में शोर मचा है खाटू का सेठ
बाँह पकड़ ले साँवरा,कही छूट ना जाए,
मौसम भी होया बड़ा ही रूहानी बदला च
पेंडिया फुहारा ठंडी हवा भी चलाई है,
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