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दरबार तो एक ही है सवाल सरकार का है,
खाटू नरेश का है नीले पे सवार का है,
हमने सच्चा सौदा किया है साईबाबा के
अपने सरको पे चाहे साई बाबा के हाथ,
कहा जाके फर्याद करू तू ही मेरा दीवाना
लाला मैया अंजनी का श्री राम का दीवाना
राम जी के चरणों में बस इनका ठिकाना है,
खाटू वाला हमारा बनेगा सहारा,
जो भी आके शरण इनकी लेगी,
सुनी रे मैंने श्याम धनि जग में तेरी
जग हर हारे की खाटू में बात बनी तू सेठ
श्यामा प्यारी किरपा कीजिये,
चरणों से लगा लीजिये बरसाना बसा लिए,
गोपाल मेरी नैया क्यों डगमगा रही है,
आजा रे अब तो आजा तेरी याद आ रही है,
झलक एक अपनी दिखा मुरली वाले,
सम्बलता नहीं दिल समबालु मैं कैसे,
तेरी सवाली सूरत बाबा दीवाना बनाती है,
किसी और को कैसे देखु नजरो में सूरत
छाए काली घटायें तो क्या इनकी छतरी के
आगे आगे ये चलता मेरे मेरे बाबा के पीछे
मैं दीवानी मैं दीवानी,
तेरे नाम की दीवानी शेरावाली माँ,
जितना जिसके भाग्ये में लिखा उतना ही
मेरे भोले दरबार में सबका खाता है,
वे तू पतिया विच पहाड़ा विच इस दुनिया
मैं लभदा तनु हर वेले फिर क्यों नजर
समय ही हसाये समय ही रुलाय,
समय ने समय को ये क्या दिन दिखाए,
बहे सत्संग का दरिया,
नहा लो जिस का जी चाहे,
तु प्यार का सागर है,
तेरी एक बूंद के प्यासे हम,
रट ले हरी का नाम रे वैरी,
सब छोड़ दे उलटे काम रे,
तेरी मोरछड़ी का जादू प्यारा प्यारा
छोड़ कर सारा जग तेरे दर आ गया,
सेठ निराला है,
क्या कहना बाबा श्याम का,
चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ न कहुगा मैं,
तेरा ही था तेरा ही हु तेरा रहुगा मैं,
मेरी पहुँच बहुत है ऊँची,
मुझ पर है किरपा प्रभु की,
मोर छड़ी और नीले में जंग छिड़ी है भारी,
है हम दोनों में कौन बड़ा तुम बोलो ये
माँ एहलवती के प्यारे,भगतो की आँख के
ओ नीले के असवार तुम्हारा क्या कहना,
जन्नत सी सजी नगरी चमक रहा दरबार,
भुलाता है हमे फिर वो श्याम तेरा ही
तेरे प्रेम का खज़ाना,जब से मिला है
वीरान ज़िन्दगी का गुलशन खिला है बाबा,
सुमिरन हो सदा इस मुख पे तेरा,
चरणों में तेरे मेरा ध्यान रहे,
मैं ते बन के दीवानी मैया तेरी मैं आज
माँ ने फड़ ले आ बांह आज मेरी मैं सारिया
सँवारे सलोने तेरे नैन कजरारे,
इन में ना जाने कही खो गया है मेरा दिल,
जय अंबे जागोद्धारिणी,
जय माते नारायणी,
परमानंदी तल्लिन व्हावे,
गजाननाचे नाम घ्यावे,
नये साल में बाबा तुमसे वादा एक निभाये
और कही चाहे ना जाए हर ग्यारस खाटू
कण - कण में तेरा वास प्रभु,
जो करे दुखों का नाश प्रभु ,
जेह्डा पानी उते पथरा नु तारदा,
ओह तेनु क्यों ना तारु बंदियां,
विठल विठल विठल विठला,
पांडू रंग विठला पंडीनाथ विठाला,
मेरी बिगड़ी बनाने वाला,
मेरी किस्मत जगाने वाला,
खाटूवाले श्याम कसके पकड़ियो मेरा हाथ,
ये हाथ कभी ना छूटे ये साथ कभी न छूटे दिन
ओसियां की पावन धरती पर है सूंदर बहुत
याहा सचियाँ माँ का द्वारा,
उठे तो बोले राम बैठे तो बोले राम,
श्री राम भक्त हनुमान बोले राम राम राम,
अपने आँचल की छैया में जब भी मुझे सुलाओ
तुम लोरी की जगह श्याम की पावन कथा
जब जब फागुन आये हवाएं गुण गुनाये मन
चालो चाले बाबा जी को द्वार,
बाजरे की रोटी खाले श्याम,
के चूरमा ने भूल जावे लो,
शिव भोले नाम तेरा जीने का है सहारा,
अब तो शरण में लेलो रो रो के दिल पुकारा,
दाता नहीं है श्री राम के जैसा,
सेवक नहीं है हनुमान के जैसा,
चरणों का पुजारी हु तेरे दर का भिखारी
ज़िंदगी दाव पे रखड़ी प्रभु ऐसा जुवारी
कान्हा तेरी तस्वीर सिरहाने रख कर सोते
यही सोच कर अपने दोनों नैन भिगोते है,
सुनो श्याम सूंदर छमा मांगता हु,
हुई जो खतायें उन्हें मान ता हु
थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे,
सालसर के मंदिर में हनुमान विराजे रे,
एक भरोसा श्याम का,एक सहारा श्याम का,
मतलब का बेदर्द ज़माना अब मेरे किस काम
चल राधा मधुवन चाला तारा छाई रात्रि,
झील मिल रास रचाये श्याम मधुवन में,
गंगा यमुना सरस्वती संगम की महिमा
इनके तट पर लगा है कुंभ का मेला भारी,
कन्हैया को एक रोज रो के पुकारा, कृपा
आओ मिल के उठाये पालकी,
जय जय हो श्री साई नाथ की,
संतो सुरगा सु आग्यो सन्देश,
बुलावो आग्यो राम को,
एक दिन अग्नि में जल जाए गई आ चन्दरमा सी
राम नाम के भजन बिना ना होगी नैया पार
मुझे सोने नहीं देती श्याम तेरी यादे,
आँखों आँखों में ही कट जाती है राते,
हरी हरी भांग का मजा ले जीये
सावन में शिव की भुटटी पिया कीजिये,
लाल लंगोटा लाल सिंधुरी बदन पे सांजे
राम मगन हो राम दीवाना छम छम नाचे है,
अब जीना है दुश्वार तेरे बिन साई,
साई सुन ले मेरे दिलदार नहीं सहनी
मेरा दिल ये दीवाना खो गया अब खाटू की
अब मेरा ठिकाना हो गया खाटू की गलियों
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