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अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
आ जाओ आ जाओ ओ आ जाओ,
ओ जगंल के राजा मेरी मैया को ले के आजा,
ऐंवे नी घबराई दा,
बोल जयकारा माई दा,
थां बिन म्हारी आँख्या हो गी बावली,
हिताबर के मन में बस गई सूरत थारी
माईये नी मैं मेहंदी हा,
कलिया रंगदी रेह्न्दी हा,
मेरे बांके कुवर तूने करके मेहर वृदावन
गई किस्मत सवर मिल गया तेरा दर,
माँ जब देने पे आये लेने वाला थक जाये,
इतना भी मत देना माँ अभिमान मुझे हो
खाटू जो पौंचा पहली बार मन को लुभाया ये
कुक सी दिल में उठने लगी,श्याम से हो गया
सुनले ओ सांवरिया मुझे तेरा ही सहारा,
तेरा ही सहारा मुझे तेरा ही सहारा,
नैन निगोड़ा दू:खन लाग्या थारी बात में
आज संवारा थारी याद में हिचकी आवे बहुत
जिस के घर में खाटू वाले की तस्वीर लगाई
जिस घर में नीले वाले की नित जोत जगाई
जय राधे राधे बोल, तेरा क्या लगेगा मोल,
बोल राधे राधे, जय राधे राधे ।
दोनों जहाँ से मुझे बेगाना कर दिया,
एसी पिलाई साईं ने मस्ताना कर दिया,
भूल भुलेखे जदों साडी याद आवे, सानु याद
गुफा विच बैठी ये जे दिल घबराए तेरा, ते
दुनिया से मैं हारा हु तकदीर का मारा हु,
जैसा भी हु अपना लो मैं बालक तुम्हारा
बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं ।
हे राम भक्त तेरे चरणों में लिपट जाए ॥
उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो
जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई
ले के पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली,
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ ।
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम, ऐसे हो हमारे करम,
नेकी पर चले, और बदी से टलें,
आए हैं प्रभु श्री राम,
भरत फूले ना समाते हैं ।
जय हे महालक्ष्मी माँ,
नैया मेरी पार करो ।
जय हो जय तो तुम्हारी जी बजरंगबली,
ले के शिव रूप आना गज़ब हो गया ।
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
पास की सुनती है, दूर की सुनती है,
गुमनाम के संग संग मशहूर की सुनती है ।
सुमिरन कर ले मेरे मना,
तेरी बीती उम्र हरी नाम बिना ।
तेरा हाथ जिसने पकड़ा, वो रहा ना
दरिया में डूब कर भी उसे मिल गया किनारा
भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना ।
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ॥
ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर
कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी,
दूसरो का दुखड़ा दूर करने वाले, तेरे
किये जा तू जग में भलाई का काम, तेरे दुःख
कोई लाख करे चतुराई, कर्म का लेख मिटे ना
ज़रा समझो इसकी सच्चाई रे, कर्म का लेख
नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।
साईं दीदार तेरा हो जाए,
मुझ पे उपकार तेरा हो जाए ।
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।
मन चल वृन्दावन चलिए ।
जित्थे रहंदे सांवल शाह ।
हे महादेव मेरी लाज रहे
मेरी लाज रहे, तेरा राज रहे
मेरा छोटा सा संसार, हरी आ जाओ एक बार ।
हरी आ जाओ, हरी आ जाओ ॥
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
दोहा : दरबार तेरा दरबारों में, एक ख़ास
उसको वैसा मिल जाता है, जो जैसी नियत
माँ शारदे, माँ शारदे ।
ओ मैया हम तो हैं बालक तेरे ॥
शिव का नाम लो ।
हर संकट में ॐ नमो शिवाय बस यह नाम जपो ॥
लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा
तुम्हे अपने बना बैठे, जो होगा देखा
जे इक तेरा प्यार, ओ दिलदार, सांवल यार,
मैं दुनिया तो होर की लैना ।
सूना सूना लागे बृज का धाम,
गोकुल को छोड़ चले रे घन्श्याम
मेरा दिल तुझपे कुर्बा मुरलिया वाले रे
अब तो हो जा मेहरबान मुरलिया वाले रे ॥
भाद्रिनाथ जय जय भाद्रिनाथ,
भक्ति भजन में चित रमे तो समय की किस को
श्याम से नेहा लगाए,
राधे नीर बहाए ।
गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय
गोप गोसुत वल्लभं
परमात्मा है प्यारे, तेरी आत्मा के
अम्बर है एक तारे में, एक बूँद में समंदर
सोहने मुखड़े दा लैन दे नज़ारा,
वे केहडा तेरा मुल्ल लगदा ।
मोको कहाँ ढूंढें बन्दे,
मैं तो तेरे पास में ।
मन में खोट भरी और मुख में हरी,
फिर मंदिर में जाने से क्या फ़ायदा ।
रघुपति राघव राजाराम,
पतित पावन सीताराम
ऐसा कोई संत मिले,
जेह्डा तार हरी दे नाल जोड़े ।
तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं
जोई वृषभानु नंदिनी राधे,
सोई मम स्वामिनी श्री राधे ।
हारा वाला साडा साईं वे, असां ला लईआं
मुरली वाला साडा साईं वे, असां ला लईआं
तेरे दरबार में झुकता है साईं सर मेरा ।
तेरे लिए जान भी हाजिर है, सर क्या हैं
हरी तुम हरो जन की भीड़ ।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढाओ चीर ॥
बाबा तेरे चरणों की, साईं तेरे चरणों की
अगर धुल जो मिल जाए, सच कहता हु बस अपनी
तेरे नाम की धुन लागी, मन है तेरा मतवाला
मैं तान हूँ मुरली की, तू मोहन मुरली
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