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जो मुझे प्रभु से मिला दे वह गीत गाना चाहता हूं,

जो मुझे प्रभु से मिला दे वह गीत गाना चाहता हूं,

रास्ते सबने बताए पर साथ कोई दे न पाया ,
कौन देगा साथ जबकि साथ दे न अपना साया,
जग से नाता तोड़कर बंधन मिटाना चाहता हूं ,

जीतकर मैंने कभी इस जिंदगी से कुछ ना पाया,
हार कर मैंने सदा फिर से संभलकर पग बढ़ाया,
इसीलिए मैं हार कर भी मुस्कुराना चाहता हूं ,

हर अंधेरी रात के पहलू में जागा है सवेरा ,
हर थके पक्षी को आखिर मिल ही जाता है बसेरा,
मैं इसी आशा पर मोहन को रिझाना चाहता हूं,



jo mujhe prabhu se mila de vo geet gaana chahta hu

jo mujhe prbhu se mila de vah geet gaana chaahata hoon

raaste sabane bataae par saath koi de n paaya ,
kaun dega saath jabaki saath de n apana saaya,
jag se naata todakar bandhan mitaana chaahata hoon

jeetakar mainne kbhi is jindagi se kuchh na paaya,
haar kar mainne sada phir se sanbhalakar pag badahaaya,
iseelie mainhaar kar bhi muskuraana chaahata hoon

har andheri raat ke pahaloo me jaaga hai savera ,
har thake pakshi ko aakhir mil hi jaata hai basera,
mainisi aasha par mohan ko rijhaana chaahata hoon

jo mujhe prbhu se mila de vah geet gaana chaahata hoon



jo mujhe prabhu se mila de vo geet gaana chahta hu Lyrics





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