मेरे सँवारे आ जा रे,कान्हा रे आजा रे,
श्याम का ही नाम अब तो नित ले जिया से,
कोई तो मिला दो मोहे सँवारे पिया से,
इक इक पल सोह वर्ष सा गुजाराऊ मैं,
भूले जब से लव तो अपने श्याम को पुकारू मैं,
नींद नहीं आवे डर लागे रतिया से,
कोई तो मिला दो मोहे साँवरे पिया से
आओ मेरे कान्हा कितना सताओ गे,
मर जायगे हम कभी लौट के क्या आओगे,
बड़ी है शकायत मोहे रंग रसियां से,
कोई तो मिला दो मोहे साँवरे पिया से
कुलदीप लिखे गाते भेद और गोपाल है,
आ जाओ मोहन तेरी गोपियाँ बेहाल है,
छवि श्याम की ना होदूर अखियां से
कोई तो मिला दो मोहे साँवरे पिया से
mere sanvaare a ja re,kaanha re aaja re
shyaam ka hi naam ab to nit le jiya se,
koi to mila do mohe sanvaare piya se
ik ik pal soh varsh sa gujaaraaoo main,
bhoole jab se lav to apane shyaam ko pukaaroo main,
neend nahi aave dar laage ratiya se,
koi to mila do mohe saanvare piya se
aao mere kaanha kitana sataao ge,
mar jaayage ham kbhi laut ke kya aaoge,
badi hai shakaayat mohe rang rasiyaan se,
koi to mila do mohe saanvare piya se
kuladeep likhe gaate bhed aur gopaal hai,
a jaao mohan teri gopiyaan behaal hai,
chhavi shyaam ki na hodoor akhiyaan se
koi to mila do mohe saanvare piya se
mere sanvaare a ja re,kaanha re aaja re