ओढ़ चुनर मैं तो गई रे सत्संग में,
संवारो भिगोया माने गहरा गहरा रंग में....
ओ चढ़ के चढ़ाया मैं तो गई रे भवन में,
सुध-बुध बोली मैं तो नाचो रे भवन में,
ओढ़ चुनर ........
लाल रंग की मैया ओढे चुनरिया,
मैया जी बस्सी है मारे तन और मन में,
ओढ़ चुनर.....
सब जग भूल के रंग गई मैं था मैं,
खोए रे खोए रे मैं तो मैया जी के रंग में,
ओढ़ चुनर....
बिना सत्संग के यो जीव नहीं लागे,
लागे रे लागे रे मारो मन सत्संग में
ओढ़ चुनर...
odah chunar mainto gi re satsang me,
sanvaaro bhigoya maane gahara gahara rang me...
o chadah ke chadahaaya mainto gi re bhavan me,
sudhabudh boli mainto naacho re bhavan me,
odah chunar ...
laal rang ki maiya odhe chunariya,
maiya ji bassi hai maare tan aur man me,
odah chunar...
sab jag bhool ke rang gi maintha main,
khoe re khoe re mainto maiya ji ke rang me,
odah chunar...
bina satsang ke yo jeev nahi laage,
laage re laage re maaro man satsang me
odah chunar...
odah chunar mainto gi re satsang me,
sanvaaro bhigoya maane gahara gahara rang me...