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radha hamari gori gori (vinod ji) part4

radha hamari gori gori (vinod ji) part4



radha hamari gori gori (vinod ji) part4



Radha Hamari Gori Gori (vinod Ji) Part4

radah hamari gori gori (vinod ji) parat4



radah hamari gori gori (vinod ji) parat4







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बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है

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मन हरि हरि बोल ,
हरि नारायण तू बोल,
जटा में गंगा, गल में नाग है,
रहता भोले तू कैलाश है,
जय धरती माँ की जय गौ माता,
गूँज रहा है मंत्र महान
मैया नवरात्रों में, जब धरती पे आती है,
किसको है क्या देना, ये सोच के आती है,
मेरा खुशियों में खेले परिवार गुरु जी,
आप की कृपा है बेशुमार गुरु जी,