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श्री गिरीराज अष्टकम

श्रीहरिदासवर्याष्टकम्
श्रीमद् व्रजभूषमात्मज श्रीव्रजेश्वर कृतं,

यतो हि सर्वे भवतापशान्तिं लभेयुरेतां व्रजराजदासाः,
सदा कृपां यःकरणेसमर्थः भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

यदा व्रजेन्द्रेण गिरीन्द्रयज्ञे नन्दाय संबोध्य कृतोऽत्रकूटः।
स्वयं हि कर्ता स्वयमेव भोक्ता भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

प्रवर्षिते मेधचये जलौघे दधार छत्राकनिभं व्रजेशः,
जहार मानं च सुरेखरस्य भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

शंखेन चक्रेण जलं विशोष्य प्रसाद्य सर्वव्रजमानसानि,
जुगोप सर्वान्द्रज गोपसंघान् भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

व्रतं दधौ यच्छरणं च गोष्ठं स्वदास मन्यांश्च स्वकीयभक्तान्,
निजेन योगेनररक्ष कृष्णः भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

व्रजेन्द्र भक्तस्य सदैव वाञ्छां प्रपूर्य गोवर्द्धननाथसेवाम् ,
ददाति गोपीजनभावयुक्तां भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

नमन्ति भावेन जनाश तेषां समस्तपापक्षयमेव भूयात् ।
मनोभिलाषं च करोति पूर्ण भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

गिरीन्द्र! गोवर्द्वन नाथ ! विष्णो ! कुरुष्व दासे करुणां कृपालो ॥
नमामि ते पादसरोजयुग्मे भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

तवाष्टकं श्री व्रजभूषणानां सुतेन चोक्तं भवतात् कृपार्थम् ।
सुपाठकस्य प्रभवेत् सुपुष्टिः भजाम्यहं तं हरिदासवर्यम् ॥

॥ इति श्रीमद् व्रजभूषमात्मज श्रीव्रजेश्वर कृतं श्रीहरिदास वर्याष्टकं स्तोत्रं संपूर्णम् ॥



shri giriraj ashtaka

shreeharidaasavaryaashtakam
shreemad vrajbhooshamaatmaj shreevrajeshvar kritan


yato hi sarve bhavataapshaantin lbheyuretaan vrajaraajadaasaah,
sada kripaan yahakaranesamarthah bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

yada vrajendren gireendrayagye nandaay sanbodhay krito'trkootah
svayan hi karta svayamev bhokta bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

pravarshite medhchaye jalaughe ddhaar chhatraakanibhan vrajeshah,
jahaar maanan ch surekharasy bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

shankhen chakren jalan vishoshy prasaady sarvavrajamaanasaani,
jugop sarvaandraj gopasanghaan bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

vratan ddhau yachchharanan ch goshthan svadaas manyaanshch svakeeybhaktaan,
nijen yogenararaksh krishnah bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

vrajendr bhaktasy sadaiv vaanchhaan prapoory govarddhananaathasevaam ,
dadaati gopeejanbhaavayuktaan bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

namanti bhaaven janaash teshaan samastapaapakshyamev bhooyaat
manobhilaashan ch karoti poorn bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

gireendr! govardvan naath ! vishno ! kurushv daase karunaan kripaalo ..
namaami te paadasarojayugme bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

tavaashtakan shri vrajbhooshanaanaan suten choktan bhavataat kripaartham
supaathakasy prbhavet supushtih bhajaamyahan tan haridaasavaryam ..

shreeharidaasavaryaashtakam
shreemad vrajbhooshamaatmaj shreevrajeshvar kritan




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