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आप आए नहीं और सुबह हो गई,
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई,

आप आए नहीं और सुबह हो गई,
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई,
भोग रखा रहा फूल मुरझा गए,
आरती भी धरी की धरी रह गई...


मुझसे रूठे हो क्यों आप आते नहीं,
कोई अपराध मेरा बताते नहीं,
देखतेदेखते सांसे रुकने लगी,
क्या बुलाने में मेरे कमी रह गई,
आप आए नहीं

हाल बेहाल है आप आओ हरि,
मन की मोती की माला गले में पड़ी,
वरना मन के यह मोती बिखर जाएंगे,
कौन सी भावना की कमी रह गई,
आप आए नहीं...

ध्यान भी हो गया ज्ञान भी हो गया,
सारे जग से यह मन अब अलग हो गया,
इतना होते हुए ना तुम्हें पा सकी,
इच्छा दर्शन की मन में बनी रह गई,
आप आए नहीं...

आप आए नहीं और सुबह हो गई,
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई,
भोग रखा रहा फूल मुरझा गए,
आरती भी धरी की धरी रह गई...




aap aae nahi aur subah ho gi,
meri pooja ki thaali dhari rah gi,

aap aae nahi aur subah ho gi,
meri pooja ki thaali dhari rah gi,
bhog rkha raha phool murjha ge,
aarati bhi dhari ki dhari rah gi...


mujhase roothe ho kyon aap aate nahi,
koi aparaadh mera bataate nahi,
dekhatedekhate saanse rukane lagi,
kya bulaane me mere kami rah gi,
aap aae nahi

haal behaal hai aap aao hari,
man ki moti ki maala gale me padi,
varana man ke yah moti bikhar jaaenge,
kaun si bhaavana ki kami rah gi,
aap aae nahi...

dhayaan bhi ho gaya gyaan bhi ho gaya,
saare jag se yah man ab alag ho gaya,
itana hote hue na tumhen pa saki,
ichchha darshan ki man me bani rah gi,
aap aae nahi...

aap aae nahi aur subah ho gi,
meri pooja ki thaali dhari rah gi,
bhog rkha raha phool murjha ge,
aarati bhi dhari ki dhari rah gi...








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