Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया ।
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया ।
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।



बंसी तेरी विच भरेआ ए जादू,
साडा दिल नहिओ रेहेंदा काबू ।
भैडे लोकीं करंगे शक्क अड़ेया,
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ॥

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया....


सानु भूल गया कम संसार दा,
दिल प्यासा मेरा श्याम तेरे प्यार दा ।
साडी लड़ गयी ए तेरे नाल अक्ख अड़ेया,
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ॥

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया....

श्याम बंसी विच तेरी जिन्द जान वे,
ताहिओ भुल्दी ना इसदी पहचान वे ।
तेरी बंसी ने घरो किता वक्ख अड़ेया,
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ॥

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया....

बंसी तेरी विच प्यार दा सन्देश वे,
गोपिया दे दिला उते भरदी आवेश वे ।
पल्ले छोड़ा ना बंसी ने कख अड़ेया,

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया....

श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया ।
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।



shyaam bansi na bullaan utte rakh adeya teree bansi pavaade pae lakh adeya

shyaam bansi na bullaan utte rakh adeya
teree bansi pavaade pae lakh adeya



bansi teree vich bharea e jaadoo,
saada dil nahio rehenda kaaboo
bhaide lokeen karange shakk adeya,
teree bansi pavaade pae lakh adeya

shyam bansi na bullaan utte rakh adeya....


saanu bhool gaya kam sansaar da,
dil pyaasa mera shyam tere pyaar da
saadee lad gayee e tere naal akkh adeya,
teree bansi pavaade pae lakh adeya

shyam bansi na bullaan utte rakh adeya....

shyam bansi vich teri jind jaan ve,
taahio bhuldee na isadee pahachaan ve
teri bansi ne gharo kita vakkh adeya,
teri bansi pavaade pae lakh adeya

shyam bansi na bullaan utte rakh adeya....

bansi teri vich pyaar da sandesh ve,
gopiya de dila ute bharadee aavesh ve
palle chhoda na bansi ne kakh adeya,

shyam bansi na bullaan utte rakh adeya....

shyam bansi na bullaan utte rakh adeya
teri bansi pavaade pae lakh adeya



shyam bansi naa bullan ute adeaa Lyrics





Bhajan Lyrics View All

दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे

New Bhajan Lyrics View All

सेईये सुसाहिब राम सो,
सुखद सुसील सुजान सुर सूचि, सुंदर कोटिक
गुरा दे सोणे दर्शन कर लो,
सोणी मूरत दिल विच कर लो,
लिख भेजी पतिया आज रुक्मणि अर्ज करे,  
कान्हा ले जाओ आकर आज रुक्मणि याद करे,
भरभर लै गए ओ मुट्ठियाँ,
जिन्हां ने गुरां उत्ते डोरां
पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी...