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उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं,
तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं,

उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं,
तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं।

जो भी जहाँ में पाया है श्याम तेरी माया,
तू ज़िन्दगी है तू ही बंदगी है मेरी,
तू बंदगी है मेरे श्याम, मेरे श्याम,
सुनसान ये डगर है फिर भी हमें ना डर है,
हमें ये खबर है गिरधर तू भी ना बेखबर है,
जिस और भी बढे हम बेख़ौफ़ बढ़ रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं।

हमें रोकने को आई यूँ तो हज़ार आंधी,
आई चली गई वो छू ना सकी ज़रा भी,
विपदाएं पीछे खींचे हम रोज़ बढ़ रहे हैं ,
उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं।

ये ना कहेंगे मुश्किल राहों में ना मिली है
पर श्याम की कृपा ये मुश्किल से भी बड़ी है
गोलू को ख़ुशी को पाने ग़म ये गुज़र रहे हैं
उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं।

उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं,
तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं।



uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain,
tera haath peeth par ham mahasoos kar rahe

uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain,
tera haath peeth par ham mahasoos kar rahe hain,
uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain.

jo bhi jahaan me paaya hai shyaam teri maaya,
too zindagi hai too hi bandagi hai meri,
too bandagi hai mere shyaam, mere shyaam,
sunasaan ye dagar hai phir bhi hame na dar hai,
hame ye khabar hai girdhar too bhi na bekhabar hai,
jis aur bhi bdhe ham bekahaupah badah rahe hain,
uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain.

hame rokane ko aai yoon to hazaar aandhi,
aai chali gi vo chhoo na saki zara bhi,
vipadaaen peechhe kheenche ham roz badah rahe hain ,
uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain.

ye na kahenge mushkil raahon me na mili hai
par shyaam ki kripa ye mushkil se bhi badi hai
goloo ko kahushi ko paane gam ye guzar rahe hain
uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain.

uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain,
tera haath peeth par ham mahasoos kar rahe hain,
uljhan me bhi o baaba santosh kar rahe hain.







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