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फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू इतर की आई है॥

फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू इतर की आई है॥


बाबा फागण का मेला,
भक्तों के मन को भाये,
लाखों प्रेमी तेरे दर पे,
आकर के शीश झुकाये,
तू सुनता है जिसने भी,
जो अर्जी लगाई है,
खाटू की माटी में...

जब फागण मेला आये,
भक्तों में खुशियां छाये,
कोई रंग अबीर उड़ाये,
कोई भर पिचकारी लाये,
कोई नाच कूदकर,
श्याम धणी की महिमा गाई है,
खाटू की माटी में...

दीपक ने तेरे दर पे,
जब जयकारा लगवाया,
मेरा बाबा खाटू वाला,
होली खेलण को आया,
भक्तों के संग में खेले,
मेरे श्याम कन्हाई है,
खाटू की माटी में...

फागण की मस्ती तेरे भक्तों में छाई है,
खाटू की माटी में खुशबू इतर की आई है॥




phaagan ki masti tere bhakton me chhaai hai,
khatu ki maati me khushaboo itar ki aai hai..

phaagan ki masti tere bhakton me chhaai hai,
khatu ki maati me khushaboo itar ki aai hai..


baaba phaagan ka mela,
bhakton ke man ko bhaaye,
laakhon premi tere dar pe,
aakar ke sheesh jhukaaye,
too sunata hai jisane bhi,
jo arji lagaai hai,
khatu ki maati me...

jab phaagan mela aaye,
bhakton me khushiyaan chhaaye,
koi rang abeer udaaye,
koi bhar pichakaari laaye,
koi naach koodakar,
shyaam dhani ki mahima gaai hai,
khatu ki maati me...

deepak ne tere dar pe,
jab jayakaara lagavaaya,
mera baaba khatu vaala,
holi khelan ko aaya,
bhakton ke sang me khele,
mere shyaam kanhaai hai,
khatu ki maati me...

phaagan ki masti tere bhakton me chhaai hai,
khatu ki maati me khushaboo itar ki aai hai..








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