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मेरे मन हरि का ध्यान लगा,
क्यूँ उलझे तू व्यर्थ जगत में, उसका ही बन जा,

मेरे मन हरि का ध्यान लगा,
क्यूँ उलझे तू व्यर्थ जगत में, उसका ही बन जा,
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥


हरि तेरा ही सच्चा साथी,
सुमिरन कर ले तू दिन राती,
सुमिरन में खो जा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

छोड़ दे चिंता तोड़ दे बंधन,
हरि चरणों में कर दे समर्पण,
अब ना देर लगा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

सुमिरन कर ले श्वांस श्वांस में,
हर पल प्रभु है तेरे पास में,
ऐसा भाव बना...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

देख लिया सब जग का बनके,
टूटे कितने संजोए सपने
हरि किंकर बन जा...
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥

मेरे मन हरि का ध्यान लगा,
क्यूँ उलझे तू व्यर्थ जगत में, उसका ही बन जा,
मेरे मन हरि का ध्यान लगा॥




mere man hari ka dhayaan laga,
kyoon uljhe too vyarth jagat me, usaka hi ban ja,

mere man hari ka dhayaan laga,
kyoon uljhe too vyarth jagat me, usaka hi ban ja,
mere man hari ka dhayaan lagaa..


hari tera hi sachcha saathi,
sumiran kar le too din raati,
sumiran me kho jaa...
mere man hari ka dhayaan lagaa..

chhod de chinta tod de bandhan,
hari charanon me kar de samarpan,
ab na der lagaa...
mere man hari ka dhayaan lagaa..

sumiran kar le shvaans shvaans me,
har pal prbhu hai tere paas me,
aisa bhaav banaa...
mere man hari ka dhayaan lagaa..

dekh liya sab jag ka banake,
toote kitane sanjoe sapane
hari kinkar ban jaa...
mere man hari ka dhayaan lagaa..

mere man hari ka dhayaan laga,
kyoon uljhe too vyarth jagat me, usaka hi ban ja,
mere man hari ka dhayaan lagaa..








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