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हट कर बैठी पार्वती रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...

हट कर बैठी पार्वती रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...


हमारे पिता ने यज्ञ रचा है,
शब्द एवं को न्योता दिया है,
उसी में जाने की आज्ञा दो स्वामी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...

शिव जी ने हट किया गौरा ना मानी,
कर्मों के लेख किसी ने ना जानी,
सोलह श्रृंगार कर चली गौरा रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...

पिता भवन जब पहुंची भवानी,
सब सखियां हस बोली ना भवानी,
माता भी उनसे बोली न चाली,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...

यह देख पीछे पछताए गोरा रानी,
हमने पति की आज्ञा न मानी,
यह देख अग्नि में कूदी भवानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...

हट कर बैठी पार्वती रानी,
पिता घर जाने की आज्ञा दो स्वामी...




hat kar baithi paarvati raani,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...

hat kar baithi paarvati raani,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...


hamaare pita ne yagy rcha hai,
shabd evan ko nyota diya hai,
usi me jaane ki aagya do svaami,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...

shiv ji ne hat kiya gaura na maani,
karmon ke lekh kisi ne na jaani,
solah shrrangaar kar chali gaura raani,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...

pita bhavan jab pahunchi bhavaani,
sab skhiyaan has boli na bhavaani,
maata bhi unase boli n chaali,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...

yah dekh peechhe pchhataae gora raani,
hamane pati ki aagya n maani,
yah dekh agni me koodi bhavaani,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...

hat kar baithi paarvati raani,
pita ghar jaane ki aagya do svaami...








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