Lyrics - Shiv Bhajans

11,833 Shiv Bhajans
Karpur Gauram
Karunavataram
10,295 Shiv Bhajans
अमर कथा




Bhajan Lyrics View All

रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥

New Bhajan Lyrics View All

आओ आओ जी सोणा दर्शन पाओ,
जयकारा तुसी लाओ,
फरियाद मेरी सुनकर भोलेनाथ चले आना,
भोलेनाथ चले आना, भोलेनाथ चले आना,
अमरनाथ दी अमर ज्योत नू, लख लख सीस
बाबा बालक नाथ दी भगतो, कथा मैं अमर
हाँ कबसे थे तरसे उत्सव को तेरे,
श्री गणेशा देवा दुःखहर्ता मेरे,
साऱी दुनिया ने ठुकराया तूने मुझे
ओ बाबा मेरा बेड़ा पार लगाया...