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गले में जिसके नाग,
सर पे गंगे का निवास,

गले में जिसके नाग,
सर पे गंगे का निवास,
जो नाथों का है नाथ भोलेनाथ जी,
करता पापों का विनाश,
कैलाश पे निवास,
डमरू वाला वो सन्यास भोलेनाथजी,
जो फिरता मारा मारा,
उसको देता वो सहारा,
तीनो लोक का वो स्वामी भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ,
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी,
मोह माया से परे उसकी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी...


ये दुनिया है भिखारी पैसे की मारी मारी,
मेरा तू ही है सहारा मेरे भोलेनाथ जी,
मेरा हाथ ले तू थाम बाबा ले जा अपने धाम,
इस दुनिया से बचा ले मुझको शंभूनाथ जी,
मोह माया से परे तेरी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी...

तेरा रूप है प्रचण्ड तू आरंभ तू ही अंत,
तू ही सृष्टि का रचियता मेरे भोलेनाथ जी,
में खुद हूं खण्ड खण्ड फिर कैसा है घमंड,
मुझे तुझमें है समाना मेरे भोलेनाथ ज़ी,
मोह माया से परे तेरी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी...

गले में जिसके नाग,
सर पे गंगे का निवास,
जो नाथों का है नाथ भोलेनाथ जी,
करता पापों का विनाश,
कैलाश पे निवास,
डमरू वाला वो सन्यास भोलेनाथजी,
जो फिरता मारा मारा,
उसको देता वो सहारा,
तीनो लोक का वो स्वामी भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ,
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी,
मोह माया से परे उसकी छाया के तले,
जो तपता दिन रात उसको रोशनी मिले,
केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ,
जहां मिलता तेरा साथ भोलेनाथ जी,
रख दे सर पे जिसके हाथ,
दुनिया चलती उसके साथ ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी...




gale me jisake naag,
sar pe gange ka nivaas,

gale me jisake naag,
sar pe gange ka nivaas,
jo naathon ka hai naath bholenaath ji,
karata paapon ka vinaash,
kailaash pe nivaas,
damaroo vaala vo sanyaas bholenaathaji,
jo phirata maara maara,
usako deta vo sahaara,
teeno lok ka vo svaami bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath,
aisa khel hai khilaata mera naath ji,
moh maaya se pare usaki chhaaya ke tale,
jo tapata din raat usako roshani mile,
kedaar vishvanaath mujhako jaana amaranaath,
jahaan milata tera saath bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath aisa khel hai khilaata mera naath ji...


ye duniya hai bhikhaari paise ki maari maari,
mera too hi hai sahaara mere bholenaath ji,
mera haath le too thaam baaba le ja apane dhaam,
is duniya se bcha le mujhako shanbhoonaath ji,
moh maaya se pare teri chhaaya ke tale,
jo tapata din raat usako roshani mile,
kedaar vishvanaath mujhako jaana amaranaath,
jahaan milata tera saath bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath aisa khel hai khilaata mera naath ji...

tera roop hai prchand too aaranbh too hi ant,
too hi sarashti ka rchiyata mere bholenaath ji,
me khud hoon khand khand phir kaisa hai ghamand,
mujhe tujhame hai samaana mere bholenaath zi,
moh maaya se pare teri chhaaya ke tale,
jo tapata din raat usako roshani mile,
kedaar vishvanaath mujhako jaana amaranaath,
jahaan milata tera saath bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath aisa khel hai khilaata mera naath ji...

gale me jisake naag,
sar pe gange ka nivaas,
jo naathon ka hai naath bholenaath ji,
karata paapon ka vinaash,
kailaash pe nivaas,
damaroo vaala vo sanyaas bholenaathaji,
jo phirata maara maara,
usako deta vo sahaara,
teeno lok ka vo svaami bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath,
aisa khel hai khilaata mera naath ji,
moh maaya se pare usaki chhaaya ke tale,
jo tapata din raat usako roshani mile,
kedaar vishvanaath mujhako jaana amaranaath,
jahaan milata tera saath bholenaath ji,
rkh de sar pe jisake haath,
duniya chalati usake saath aisa khel hai khilaata mera naath ji...








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