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मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना
मैं चन्दन तिलक लगाउंगी मोतियन के हार पहनाऊँगी

मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना

मैं चन्दन तिलक लगाउंगी मोतियन के हार पहनाऊँगी
और माथे मुकुट पहनाऊँगी गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना...

मैं लड्डू भोग लगाउंगी दूब घास भी तुम्हे चढ़ाउंगी
तेरी महिमा के गुण गाउंगी गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना...

तुम रिद्धि सिद्धि के दाता हो तुम हे तो भाग्य विदाता हो
शुभ लाभ को देने वाले हो गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना
मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना...

मैं आस लगाए बैठी हूँ गणराज मेरे घर आ जाना





mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa

mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa

mainchandan tilak lagaaungi motiyan ke haar pahanaaoongee
aur maathe mukut pahanaaoongi ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa...

mainladdoo bhog lagaaungi doob ghaas bhi tumhe chadahaaungee
teri mahima ke gun gaaungi ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa...

tum riddhi siddhi ke daata ho tum he to bhaagy vidaata ho
shubh laabh ko dene vaale ho ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa
mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa...

mainaas lagaae baithi hoon ganaraaj mere ghar a jaanaa





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