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सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥


सीता मांगन होय सोई मांग,
तपस्या पूर्ण आज हुई॥
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

मैंने मांगो अयोध्या को राज,
सरयू जी मांगी नहावे को॥
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

मैंने मांगी कौशल्या सी सास,
ससुर राजा दशरथ से॥
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

मैंने चर्त भरत देवर जेठ,
ननंद छोटी भगनी सी॥
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

मैंने बर मांगे श्री भगवान,
देवर छोटे लक्ष्मण से॥
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥

सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥




siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..


seeta maangan hoy soi maang,
tapasya poorn aaj hui..
siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

mainne maango ayodhaya ko raaj,
sarayoo ji maangi nahaave ko..
siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

mainne maangi kaushalya si saas,
sasur raaja dsharth se..
siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

mainne chart bharat devar jeth,
nanand chhoti bhagani si..
siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

mainne bar maange shri bhagavaan,
devar chhote lakshman se..
siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..

siya thaadi janak darabaar,
sooraj ko lauta dhaar rahi..








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