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हरिद्रा गणेश कवचम्

॥ अथ हरिद्रा गणेश कवच ॥
ईश्वरउवाच:
शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये ।
पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥

अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् ।
सिद्धिर्नजायते तस्य कल्पकोटिशतैरपि ॥ २॥

ॐ आमोदश्च शिरः पातु प्रमोदश्च शिखोपरि ।
सम्मोदो भ्रूयुगे पातु भ्रूमध्ये च गणाधिपः ॥ ३॥

गणाक्रीडो नेत्रयुगं नासायां गणनायकः ।
गणक्रीडान्वितः पातु वदने सर्वसिद्धये ॥ ४॥

जिह्वायां सुमुखः पातु ग्रीवायां दुर्मुखः सदा ।
विघ्नेशो हृदये पातु विघ्ननाथश्च वक्षसि ॥ ५॥

गणानां नायकः पातु बाहुयुग्मं सदा मम ।
विघ्नकर्ता च ह्युदरे विघ्नहर्ता च लिङ्गके ॥ ६॥

गजवक्त्रः कटीदेशे एकदन्तो नितम्बके ।
लम्बोदरः सदा पातु गुह्यदेशे ममारुणः ॥ ७॥

व्यालयज्ञोपवीती मां पातु पादयुगे सदा ।
जापकः सर्वदा पातु जानुजङ्घे गणाधिपः ॥ ८॥

हारिद्रः सर्वदा पातु सर्वाङ्गे गणनायकः ।
य इदं प्रपठेन्नित्यं गणेशस्य महेश्वरि ॥ ९॥

कवचं सर्वसिद्धाख्यं सर्वविघ्नविनाशनम् ।
सर्वसिद्धिकरं साक्षात्सर्वपापविमोचनम् ॥ १०॥

सर्वसम्पत्प्रदं साक्षात्सर्वदुःखविमोक्षणम् ।
सर्वापत्तिप्रशमनं सर्वशत्रुक्षयङ्करम् ॥ ११॥

ग्रहपीडा ज्वरा रोगा ये चान्ये गुह्यकादयः ।
पठनाद्धारणादेव नाशमायन्ति तत्क्षणात् ॥ १२॥

धनधान्यकरं देवि कवचं सुरपूजितम् ।
समं नास्ति महेशानि त्रैलोक्ये कवचस्य च ॥ १३॥

हारिद्रस्य महादेवि विघ्नराजस्य भूतले ।
किमन्यैरसदालापैर्यत्रायुर्व्ययतामियात् ॥ १४॥
॥ इति विश्वसारतन्त्रे हरिद्रागणेशकवचं सम्पूर्णम् ॥



.. ath haridra ganesh kavch ..
eeshvaruvaach:

.. ath haridra ganesh kavch ..
eeshvaruvaach:
sharanu vakshyaami kavchan sarvasiddhikaran priye .
pthitva paathayitva ch muchyate sarv sankataat ..1..

agyaatva kavchan devi ganeshasy manun japet .
siddhirnajaayate tasy kalpakotishatairapi .. 2..

om aamodashch shirah paatu pramodashch shikhopari .
sammodo bhrooyuge paatu bhroomdhaye ch ganaadhipah .. 3..

ganaakreedo netryugan naasaayaan gananaayakah .
ganakreedaanvitah paatu vadane sarvasiddhaye .. 4..

jihavaayaan sumukhah paatu greevaayaan durmukhah sada .
vighnesho haradaye paatu vighnanaathashch vakshsi .. 5..

ganaanaan naayakah paatu baahuyugman sada mam .
vighnakarta ch hayudare vighnaharta ch lingake .. 6..

gajavaktrh kateedeshe ekadanto nitambake .
lambodarah sada paatu guhayadeshe mamaarunah .. 7..

vyaalayagyopaveeti maan paatu paadayuge sada .
jaapakah sarvada paatu jaanujanghe ganaadhipah .. 8..

haaridrah sarvada paatu sarvaange gananaayakah .
y idan prapthennityan ganeshasy maheshvari .. 9..

kavchan sarvasiddhaakhyan sarvavighnavinaashanam .
sarvasiddhikaran saakshaatsarvapaapavimochanam .. 10..

sarvasampatpradan saakshaatsarvaduhkhavimokshnam .
sarvaapattiprshamanan sarvshatrukshyankaram .. 11..

grahapeeda jvara roga ye chaanye guhayakaadayah .
pthanaaddhaaranaadev naashamaayanti tatkshnaat .. 12..

dhandhaanyakaran devi kavchan surapoojitam .
saman naasti maheshaani trailokye kavchasy ch .. 13..

haaridrasy mahaadevi vighnaraajasy bhootale .
kimanyairasadaalaapairyatraayurvyayataamiyaat .. 14..
.. iti vishvasaaratantre haridraaganeshakavchan sampoornam ..







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