हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।
सरगम का ज्ञान नहीं न लय का ठिकाना है,
तुम्हें आज सभा में माँ हमें दरस दिखाना है,
संगीत समंदर से सुर ताल हमें दे दो,
सुर ताल हमें दे दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।
शक्ति न भक्ति है, सेवा का ज्ञान नहीं,
तुम्हें आज सुनाने को कोई सुन्दर गान नहीं,
गीतों के समंदर से इक गीत हमें दे दो,
इक गीत हमें दे दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।
अज्ञान ग्रसित होकर क्या गीत सुनाऊँ में,
टूटे हुए शब्दों से क्या स्वर को सजाऊँ में,
तुम ज्ञान का स्त्रोत बहा,माँ मुझपे दया कर दो,
माँ मुझपे दया कर दो,
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो,
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।
he svar ki devi ma, vaani me mdhurata do,
ham geet sunaate hain, sangeet ki shiksha do.
saragam ka gyaan nahi n lay ka thikaana hai,
tumhen aaj sbha me ma hame daras dikhaana hai,
sangeet samandar se sur taal hame de do,
sur taal hame de do,
he svar ki devi ma, vaani me mdhurata do,
ham geet sunaate hain, sangeet ki shiksha do.
shakti n bhakti hai, seva ka gyaan nahi,
tumhen aaj sunaane ko koi sundar gaan nahi,
geeton ke samandar se ik geet hame de do,
ik geet hame de do,
he svar ki devi ma, vaani me mdhurata do,
ham geet sunaate hain, sangeet ki shiksha do.
agyaan grasit hokar kya geet sunaaoon me,
toote hue shabdon se kya svar ko sajaaoon me,
tum gyaan ka strot baha,ma mujhape daya kar do,
ma mujhape daya kar do,
he svar ki devi ma, vaani me mdhurata do,
ham geet sunaate hain, sangeet ki shiksha do.