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मईया जी का सजा दरबार,
चलो रे सब माँ के भवनवां,
शेरां वाली न पसंद किवें आई,मुहो कुज
ओ कियो झुक्दी है एस था खुदाई मुहो कुज
खूब सजाया मईया तेरा दरबार ,
आओ शेरोंवाली हो के शेर पे सवार,
बचेयाँ निमानिया दा मान रख ला,
देके सहनु दर्श माये माँ आन रख ले,
कैसे कह दू मैया तेरा उपकार नही,
कैसे कह दू तुमको माँ हमसे प्यार नही,
गले विच पटके ते मथे उते रोलियां,
हाथ विच बनिया सी माई दिया रोलिया,
यमुना के तट पर है धाम तेरा बाबा,
सब कहते है तुमको मरघट वाले बाबा,
घन घनन घन घंटा वाजे माँ काली के द्वारे,
जा रूप भयानक धार के मिया महिसशुर को
चंदन दी चोंकी धावा,
उते तेरी जोत जगावा,
चढ़ के चढ़ैया मैयां दर तेरे आनी आ,
चरना दे विच बह के मैं तरले पानी आ,
तू ही दुर्गा तू ही लक्ष्मी काली माँ,
तू ही है शारदा झंडिया वाली माँ,
माता दे दरबार जोता जग रहियां,
सच्चा है दरबार शेरा वाली दा,
माई री माई दर पे तेरे में दुखियारा आया,
दर्शन तेरे करने को दो नैंन कटोरे लाया,
मोरी राधा गयी किस और सखी री,
मोहें कान्हा बहुत सतावे सखी री,
हे योगेश्वर हे परमेश्वर,
ऐसी कृपा प्रभु हम सब पर कर,
माँ ऊचे पहाड़ो से नीचे उतर आओ माँ
कभी मन्दिर से अपने घर मेरे आओ माँ
मुसाफिर जागते रहना नगर में चोर आते
तेरे ख्यालों खोया रहूँ मैं जागु मै दिन
चाँदी की दिवार को तोडा,
इक धनवान की बेटी ने गिरधर से नाता जोड़ लिया,
सहनु एक वारी देजा दीदार,
बड़ी मेहरबानी हॉवे गी,
मालने नी सोहने सोहने फूल तोड़ दे,
नैना देवी दे द्वारे ते मैं जाना,
मैं चढ़दी जावा माँ उचिया पहाड़िया,
मैं चढ़दी जावा माँ सुंदर पहाड़िया,
मइया लाल चुनरिया में ,
तूने मोह लिया जग सारा,
सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
पी ले राम जी के चरणों का तूँ जल रे मना,
तेरी मुरलियां ने बनाया दीवाना कान्हा
ओ रब्बा कर बदला दी छा आज मेरी माँ ने
तेरे दर छड केहडे दर जावा,
लेना हमारी हाजरी लेना हमारी हाजरी,
हर दिन सुबह शाम,
हर घड़ी हर पल तेरा साथ चाहिए,
दिन हो या हो रात मुलाकात चाहिए,
मिलना है मिलना क्या मिलना हमारा,
पल दो पल का क्या मिलना हमारा ,
तेरी मेरी खूब बनेगी खूब निभेगी श्याम ,
सेवक तुमको चाहिए मालिक मुझको श्याम,
आमिये तेरे दवारे विचो जोटा ते लिशकारे
मेहरा वाले भंगारे विचो मैं वी खुशिया
मेरी बिगड़ी बना दे माँ दो आंचल की अपनी
करदो जरा दया मेरी माँ लाखो को तूने
किवे चड़ा तेरी कठिन चड़ाइया माइये नही
तेरे दर्शाना दिया आसा असी लाइय माइये
मैया नवरात्रों में जब धरती पर आती है,
किसको क्या देना है ये सोच के आती है,
पायल की झंकार वह रही पायल की झंकार,
एसो रास रचयो वृन्दावन में,
बोल बोल काग़ा मेरे, राम कब आएँगे,
दुखिया की झोपड़ी के भाग्य खुल जाएँगे,
मैं तो कर रही रस्ता साफ़ राम मेरे कब घर
राम मेरे कब घर आओगे, नाथ मेरे कब घर
माई री माई दर पे तेरे मै दुखियारा आया,
दर्सन तेरे करने को दो नेन केटोरै लाया,
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,
मेरी मैया के आने से हुआ जग मग चमन सारा,
कहो कैसे करूँ वर्णन जो माँ का रूप था
मंदिर में रहते हो भगवन कभी बहार भी आया
मैं रोज तेरे दर आता हु कभी तुम भी मेरे
सांचो थारो दरबार सेवक आया थारे दरबार
तेरे होते हुए रोये अंखिया मेरी तेरी
तेरे होते बने रेह्मुना ये जहां तू रहे ?
मन को लुबहाये ये तो सबको ही भाए ये
ये बाबा मोर छड़ी वाला,
उस बांसुरी वाले की नीले घोड़े वाले की,
गोदी में सो जाऊ मेरा जी करता है श्याम
मेरा दिल अटका संवारिये पे,
मुजको तो किसी की खबर नही,
तेरा मेरा संवारे ऐसा नाता है,
दिन हो चाहे रात हो तेरा सपना आता है,
मैया थारा टाबरियां थाने याद करे थारे
सांचल थारा टाबरियां थाने याद करे,
तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई,
तेरे छोना ने तेरे ढोटा ने तेरे लाला ने
किसे गल दा ना करिए घुमान मित्रो,
जिंद अपनी न अपना जहान मित्रो,
आओ गुरुवर मेरे डालू माला तेरे तोहे
ऊँचे आसन पे तोहै बिठाऊँ,बहुत दिनों से
रुत झोलिया भरन दी आयी के मैया ने भंडार
माये नी माये श्याम लगदा बड़ा प्यारा,
ओह काला काला कुंडलवाला,
राधा रानी से मेरी मुलाकात हो गयी,
सावरे से मिलने की बात हो गयी,
आई मिलन दी रात मैया नु आई मिलन दी रात,
ढोल उते ढगा जलादे ढ़ोलीया सहनु
हाथ करो गे ताह माँ फड लू गी बाह,
ठंडी ठंडी मेहरा वाली माँ करू गी छा,
श्याम नाम की एसी चाभी खोले किस्मत का
खुला पड़ा दरबार सेठ का आवे से किस्मत
श्याम दाता मुझे तूने दी ज़िन्दगी,
कैसे तेरा भजन गुणकथन छोड़ दू,
बैठ्या खाटू में लगाके दरबार भुलावे
अपने भगतो की सुनता पुकार भुलावे बाबा
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