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अमर कथा

कथा सुना रहे पार्वती को शिव शंकर भगवान,
सुनते सुनते अमर कथा को बंद हो गए कान,
उमा को पड  गयो सोता हुँकरा भर रह्यो तोता

मचल उठी थी गौरा शिवशंकर से बतराई,
अमर कथा कह देओ नारद ने याद दिलाई,
अमरकथा के सुनते ही कट जाएँ पाप भगवान,
कर्म कोई बन गया खोटा उमा को पड गयो सोता..

इतनी सुन शिवशंकर गौरा को लगे मनाने,
सुन लेओ चित लाई शिव लागे कथा सुनाने,
करवायो संकल्प उमा पे बैठे आसान मार ,
जल को भर लीनो लौटा उमा को पड गयो सोता..

अमर कथा पूर्ण हुई शिवजी ने पूछा ऐसे,
पार्वती अब कहदेओ ये अमरकथा सुनी कैसे,
देखा जो शिवजी ने मुडके वो तो सो रही नींद में आए,
नींद में ले रही झोटा उमा को पड गयो सोता..

सोच उठे थे शिवजी ये हुँकरा कौन भरा था,
देखा और ना कोई बस एक तोता बैठा था,
प्रेम मगन हो कथा सुन लीनी लीयो जीवन सफल बनाय,
गदगद है रह्यो तोता उमा को पड गया सोता..

क्रोध किया शिवजी ने लिया त्रिशूल उठाई,
उड़ते उड़ते तोता गयो देव लोक में आई,
अब नहीं प्राण बचेंगे मेरे नाराज हुआ भगवन,
सुदबुद भूल्यो तोता उमा को पड गयो सोता..

थी बेदव्यास की नारी छत पे रही केस सुकाई,
जो उसने मुख खोला शुक अंदर गयो समाई,
रुक गया हाथ तुरंत नाथ को कोइ न पार बसाए,
गर्व में पहुँच्यो तोता उमा को पड गया सोता..

क्षमा किया शिवजी ने लीला सब ही पहचानी
बारह बर्ष के बालक शुकदेव भये बडे ज्ञानी,
बहुतेरे उपदेश दिए जी कह गए भागवत सप्ताह
कह गए यही में गीता उमा को पड गयो सोता..

मधुर स्वर -  पं पूज्य श्री अशोक कृष्ण ठाकुर जी
संपर्क सूत्र -+



amar katha

ktha suna rahe paarvati ko shiv shankar bhagavaan,
sunate sunate amar ktha ko band ho ge kaan,
uma ko pad  gayo sota hunkara bhar rahayo totaa


mchal uthi thi gaura shivshankar se bataraai,
amar ktha kah deo naarad ne yaad dilaai,
amaraktha ke sunate hi kat jaaen paap bhagavaan,
karm koi ban gaya khota uma ko pad gayo sotaa..

itani sun shivshankar gaura ko lage manaane,
sun leo chit laai shiv laage ktha sunaane,
karavaayo sankalp uma pe baithe aasaan maar ,
jal ko bhar leeno lauta uma ko pad gayo sotaa..

amar ktha poorn hui shivaji ne poochha aise,
paarvati ab kahadeo ye amaraktha suni kaise,
dekha jo shivaji ne mudake vo to so rahi neend me aae,
neend me le rahi jhota uma ko pad gayo sotaa..

soch uthe the shivaji ye hunkara kaun bhara tha,
dekha aur na koi bas ek tota baitha tha,
prem magan ho ktha sun leeni leeyo jeevan sphal banaay,
gadagad hai rahayo tota uma ko pad gaya sotaa..

krodh kiya shivaji ne liya trishool uthaai,
udate udate tota gayo dev lok me aai,
ab nahi praan bchenge mere naaraaj hua bhagavan,
sudabud bhoolyo tota uma ko pad gayo sotaa..

thi bedavyaas ki naari chhat pe rahi kes sukaai,
jo usane mukh khola shuk andar gayo samaai,
ruk gaya haath turant naath ko koi n paar basaae,
garv me pahunchyo tota uma ko pad gaya sotaa..

kshma kiya shivaji ne leela sab hi pahchaanee
baarah barsh ke baalak shukadev bhaye bade gyaani,
bahutere upadesh die ji kah ge bhaagavat saptaah
kah ge yahi me geeta uma ko pad gayo sotaa..

ktha suna rahe paarvati ko shiv shankar bhagavaan,
sunate sunate amar ktha ko band ho ge kaan,
uma ko pad  gayo sota hunkara bhar rahayo totaa




amar katha Lyrics





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