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गले सर्पो के हार सिर गंगा की धार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

गले सर्पो के हार सिर गंगा की धार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

दिल करता हैं जल मैं चढाऊ, जल लेने मैं नदिया पे जाऊ
मछली करती हैं इंकार महादेवा, इसमे मैं भी हूँ लाचार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

दिल करता हैं फल मैं चढाऊ, फल लेने मैं बगिया मैं जाऊ
तोता करता हैं इंकार महादेवा, इसमे मैं भी हूँ लाचार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

दिल करता हैं फूल मैं चढाऊ, फूल लेने मैं बागो मे जाऊ
भवंरा  करता हैं इंकार महादेवा, इसमे मैं भी हूँ लाचार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

दिल करता हैं दर्शन मैं पाऊ, दर्शन पाने मैं मंदिर मैं जाऊ
मन करता हैं इंकार महादेवा, इसमे मैं भी हूँ लाचार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा

गले सर्पो के हार सिर गंगा की धार महादेवा
देवा कैसे करु मैं तेरी सेवा



gale sarpo ke haar ser ganga ki dhar mahadeva

gale sarpo ke haar sir ganga ki dhaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa


dil karata hain jal mainchdhaaoo, jal lene mainnadiya pe jaaoo
mchhali karati hain inkaar mahaadeva, isame mainbhi hoon laachaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa

dil karata hain phal mainchdhaaoo, phal lene mainbagiya mainjaaoo
tota karata hain inkaar mahaadeva, isame mainbhi hoon laachaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa

dil karata hain phool mainchdhaaoo, phool lene mainbaago me jaaoo
bhavanra  karata hain inkaar mahaadeva, isame mainbhi hoon laachaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa

dil karata hain darshan mainpaaoo, darshan paane mainmandir mainjaaoo
man karata hain inkaar mahaadeva, isame mainbhi hoon laachaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa

gale sarpo ke haar sir ganga ki dhaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa

gale sarpo ke haar sir ganga ki dhaar mahaadevaa
deva kaise karu mainteri sevaa




gale sarpo ke haar ser ganga ki dhar mahadeva Lyrics





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