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सीता के सिंधुर से राजी कौशल्या के लाला,
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,

सीता के सिंधुर से राजी कौशल्या के लाला,
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,

सीता जी ने मांग में अपने जब सिंधुर सजाया,
बोले हनुमंत माता क्यों सिंदूरी तिलक लगाया,
बोली माता परसन होता इस से जग रखवाला,
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,

सोचे हनुमत से इसी रंग से राजी है किरपालु,
क्यों न मैं भी इसी रंग में तन को रंग ढालू,
मेरे राम को सिंधुरी ये चोला लगे निराला,
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,

महावीर को गले लगा कर श्री राम ने बोला,
सारी दुनिया तुम्हे चढ़ाये गी सिंधुरी चोला,
वैरागी श्री राम वचन को कौन टालने वाला,
इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला,



isi liye hanuman ne tan ko sindhuri kar dhala

seeta ke sindhur se raaji kaushalya ke laala,
isalie hanuman ne tan ko sindhuri kar dhaalaa


seeta ji ne maang me apane jab sindhur sajaaya,
bole hanumant maata kyon sindoori tilak lagaaya,
boli maata parasan hota is se jag rkhavaala,
isalie hanuman ne tan ko sindhuri kar dhaalaa

soche hanumat se isi rang se raaji hai kirapaalu,
kyon n mainbhi isi rang me tan ko rang dhaaloo,
mere ram ko sindhuri ye chola lage niraala,
isalie hanuman ne tan ko sindhuri kar dhaalaa

mahaaveer ko gale laga kar shri ram ne bola,
saari duniya tumhe chadahaaye gi sindhuri chola,
vairaagi shri ram vchan ko kaun taalane vaala,
isalie hanuman ne tan ko sindhuri kar dhaalaa

seeta ke sindhur se raaji kaushalya ke laala,
isalie hanuman ne tan ko sindhuri kar dhaalaa




isi liye hanuman ne tan ko sindhuri kar dhala Lyrics





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