जा रे कान्हा जा रे जा, जा रे जा, जा रे कान्हा जा रे जा
अब के मोहन सुध ना हरुंगी,
बृन्दाबन जा बंसी बजा !!
तुम से भली तो तुमरी छबी है,
जुग जुग से जो मन में बसी है
उसके अधर पर भी बन्सी है,
वो कान्हा मेरा, जा तू जा ..
तुम बिन अब ना मैं तडपूंगी,
तुमरे दरस को ना तरसूंगी
बिनती करुँगी ना पैय्या पडूँगी,
जित जाना उत जा, जा तू जा ..
गीत : ग्वाला
संगीत : अरुण सराफ
अल्बम : रंग दे ओ श्याम
ja re kaanha ja re ja, ja re ja, ja re kaanha ja re ja
ab ke mohan sudh na harungi,
barandaaban ja bansi baja !!
tum se bhali to tumari chhabi hai,
jug jug se jo man me basi hai
usake adhar par bhi bansi hai,
vo kaanha mera, ja too ja ..
tum bin ab na maintadapoongi,
tumare daras ko na tarasoongee
binati karungi na paiyya padoongi,
jit jaana ut ja, ja too ja ..
ja re kaanha ja re ja, ja re ja, ja re kaanha ja re ja
ab ke mohan sudh na harungi,
barandaaban ja bansi baja !!