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कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,
जिसकी महिमा भाखानि न जाए,

कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,
जिसकी महिमा भाखानि न जाए,
महा कुंभ लगे बारहा बरस में.
पाप मिटा के यो मुक्ति दिलाये,
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,

सच्ची शरधा से आ इसमें डुबकी लगा,
लाखो पुण्य का फल इक पल में कमा,
अपना जीवन सुधार परलोक सवार,
अपने तन मन को कोमल निर्मल बना,
लाभ उठा ले इस अवसर का फिर जीवन में ये आये न आ,
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,

जग के पहले यहाँ ब्रह्मा जी ने किया,
तेज अपने से पावन इसे कर दिया,
इसकी शक्ति महान काटे बंधन सभी,
जिसने संगम नहा कर वंधन किया,
कुंभ में तू भी दीप जला ले जीवन का जो अँधेरा मिटाये,
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,



kitna hai paawab ye tirth praayg

kitana hai paavan ye teerth prayaag,
jisaki mahima bhaakhaani n jaae,
maha kunbh lage baaraha baras me.
paap mita ke yo mukti dilaaye,
kitana hai paavan ye teerth prayaag


sachchi shardha se a isame dubaki laga,
laakho puny ka phal ik pal me kama,
apana jeevan sudhaar paralok savaar,
apane tan man ko komal nirmal bana,
laabh utha le is avasar ka phir jeevan me ye aaye n a,
kitana hai paavan ye teerth prayaag

jag ke pahale yahaan brahama ji ne kiya,
tej apane se paavan ise kar diya,
isaki shakti mahaan kaate bandhan sbhi,
jisane sangam naha kar vandhan kiya,
kunbh me too bhi deep jala le jeevan ka jo andhera mitaaye,
kitana hai paavan ye teerth prayaag

kitana hai paavan ye teerth prayaag,
jisaki mahima bhaakhaani n jaae,
maha kunbh lage baaraha baras me.
paap mita ke yo mukti dilaaye,
kitana hai paavan ye teerth prayaag




kitna hai paawab ye tirth praayg Lyrics





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