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मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं,मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं।।
श्याम शरण में सार

मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं,मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं।।
श्याम शरण में सारा सुख हैं, फिर मै क्यूँ दुःख पाऊं। मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं।।
श्याम शरण में गयी द्रौपदी, श्याम की टेर लगाई-२, भरी सभा में चीर बढ़ा कर उसकी लाज बचाई ।।१।।
श्याम शरण गया रे पाण्डव, श्याम से आस लगाई-२,कुरुक्षेत्र म युद्ध हुयो हो, उसमे जीत कराई।।२।।
श्याम शरण में गयी रे कर्मा, श्याम से सुरत लगाई-२, धाबळीया के ओ ल बैठ कर श्याम खिचड़ी खाई।।३।।
श्याम शरण में गयी रे मीरा, श्याम सूं प्रीत लगाई-२, इमरत करके विष ने पी गयी,बाघ ने गाय बणाई।।४।।
श्याम शरण में गयो रे नरसी, सारी बात बताई-२, सेठ सांवरो बण के मोहन नैनी ने चुनड़ी उढ़ाई।।५।।
अजामील, गज, गणिका तारी, तर गयो सजन कसाई-२, सेन भक्त को साँसों मेट्यो, श्याम बण्यो हो नाई।।६।।
कव्हे लक्ष्मी जो नर-नारी श्याम से सुरत लगाई-२, धरती पे सुख भोग करे फिर बैकुण्ठा फळ पाई।।७।।



mayad mhari e mai to shyam sharan me jaaun-rajasthani shyam bhajan by bindajy

maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon,maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon
shyaam sharan me saara sukh hain, phir mai kyoon duhkh paaoon maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon
shyaam sharan me gayi draupadi, shyaam ki ter lagaaee2, bhari sbha me cheer badaha kar usaki laaj bchaai 1
shyaam sharan gaya re paandav, shyaam se aas lagaaee2,kurukshetr m yuddh huyo ho, usame jeet karaaee2
shyaam sharan me gayi re karma, shyaam se surat lagaaee2, dhaabaleeya ke o l baith kar shyaam khichadi khaaee3
shyaam sharan me gayi re meera, shyaam soon preet lagaaee2, imarat karake vish ne pi gayi,baagh ne gaay banaaee4
shyaam sharan me gayo re narasi, saari baat bataaee2, seth saanvaro ban ke mohan naini ne chunadi udahaaee5
ajaameel, gaj, ganika taari, tar gayo sajan kasaaee2, sen bhakt ko saanson metyo, shyaam banyo ho naaee6
kavhe lakshmi jo naranaari shyaam se surat lagaaee2, dharati pe sukh bhog kare phir baikuntha phal paaee7


maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon,maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon
shyaam sharan me saara sukh hain, phir mai kyoon duhkh paaoon maayad mhaari e mai to shyaam sharan me jaaoon
shyaam sharan me gayi draupadi, shyaam ki ter lagaaee2, bhari sbha me cheer badaha kar usaki laaj bchaai 1
shyaam sharan gaya re paandav, shyaam se aas lagaaee2,kurukshetr m yuddh huyo ho, usame jeet karaaee2
shyaam sharan me gayi re karma, shyaam se surat lagaaee2, dhaabaleeya ke o l baith kar shyaam khichadi khaaee3
shyaam sharan me gayi re meera, shyaam soon preet lagaaee2, imarat karake vish ne pi gayi,baagh ne gaay banaaee4
shyaam sharan me gayo re narasi, saari baat bataaee2, seth saanvaro ban ke mohan naini ne chunadi udahaaee5
ajaameel, gaj, ganika taari, tar gayo sajan kasaaee2, sen bhakt ko saanson metyo, shyaam banyo ho naaee6
kavhe lakshmi jo naranaari shyaam se surat lagaaee2, dharati pe sukh bhog kare phir baikuntha phal paaee7




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