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सबिन्दुसिन्धुसुस्खलत्तरङ्गभङ्गरञ्जितं
द्विषत्सु पापजातजातकारिवारिसंयुतम् ।

सबिन्दुसिन्धुसुस्खलत्तरङ्गभङ्गरञ्जितं
द्विषत्सु पापजातजातकारिवारिसंयुतम् ।
कृतान्तदूतकालभूतभीतिहारिवर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥१॥

त्वदम्बुलीनदीनमीनदिव्यसम्प्रदायकं
कलौ मलौघभारहारि सर्वतीर्थनायकम् ।
सुमच्छकच्छनक्रचक्रचक्रवाकशर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥२॥

महागभीरनीरपूरपापधूतभूतलं
ध्वनत्समस्तपातकारिदारितापदाचलम् ।
जगल्लये महाभये मृकण्डसूनुहर्म्यदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥३॥

गतं तदैव मे भवं त्वदम्बुवीक्षितं यदा
मृकण्डसूनुशौनकासुरारिसेवि सर्वदा ।
पुनर्भवाब्धिजन्मजं भवाब्धिदुःखवर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥४॥

अलक्षलक्षकिन्नरामरासुरादिपूजितं
सुलक्षनीरतीरधीरपक्षिलक्षकूजितम् ।
वसिष्ठसिष्टपिप्पलादिकर्दमादिशर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥५॥

सनत्कुमारनाचिकेतकश्यपादिषट्पदैः_
धृतं स्वकीयमानसेषु नारदादिषट्पदैः ।

रवीन्दुरन्तिदेवदेवराजकर्मशर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥६॥

अलक्षलक्षलक्षपापलक्षसारसायुधं
ततस्तु जीवजन्तुतन्तुभुक्तिमुक्तिदायकम् ।
विरञ्चिविष्णुशङ्करस्वकीयधामवर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥७॥

अहोऽमृतं स्वनं श्रुतं महेशकेशजातटे
किरातसूतवाडवेषु पण्डिते शठे नटे ।
दुरन्तपापतापहारिसर्वजन्तुशर्मदे
त्वदीयपादपङ्कजं नमामि देवि नर्मदे ॥८॥

इदं तु नर्मदाष्टकं त्रिकालमेव ये सदा
पठन्ति ते निरन्तरं न यान्ति दुर्गतिं कदा ।
सुलभ्य देहदुर्लभं महेशधामगौरवं



narmadaashtakam namami devi narmade

sabindusindhususkhalattarangbhangaranjitan
dvishatsu paapajaatajaatakaarivaarisanyutam
kritaantadootakaalbhootbheetihaarivarmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..1..


tvadambuleenadeenameenadivyasampradaayakan
kalau malaughbhaarahaari sarvateerthanaayakam
sumachchhakachchhanakrchakrchakravaaksharmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..2..

mahaagbheeraneerapoorapaapdhootbhootalan
dhavanatsamastapaatakaaridaaritaapadaachalam
jagallaye mahaabhaye marakandasoonuharmyade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..3..

gatan tadaiv me bhavan tvadambuveekshitan yadaa
marakandasoonushaunakaasuraarisevi sarvadaa
punarbhavaabdhijanmajan bhavaabdhiduhkhavarmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..4..

alakshlakshkinnaramraasuraadipoojitan
sulakshneerateerdheerapakshilakshkoojitam
vasishthasishtapippalaadikardamaadisharmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..5..

sanatkumaaranaachiketakashyapaadishatpadaih
dharatan svakeeyamaanaseshu naaradaadishatpadaih
raveendurantidevadevaraajakarmsharmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..6..

alakshlakshlakshpaapalakshsaarasaayudhan
tatastu jeevajantutantubhuktimuktidaayakam
viranchivishnushankarasvakeeydhaamavarmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..7..

aho'maratan svanan shrutan maheshakeshajaatate
kiraatasootavaadaveshu pandite shthe nate
durantapaapataapahaarisarvajantusharmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..8..

idan tu narmadaashtakan trikaalamev ye sadaa
pthanti te nirantaran n yaanti durgatin kadaa
sulabhy dehadurlbhan maheshdhaamagauravan
punarbhava nara n vai vilokayanti rauravam ..9..

sabindusindhususkhalattarangbhangaranjitan
dvishatsu paapajaatajaatakaarivaarisanyutam
kritaantadootakaalbhootbheetihaarivarmade
tvadeeyapaadapankajan namaami devi narmade ..1..




narmadaashtakam namami devi narmade Lyrics





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