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Om Sukham Dehi Dehi
Om Shantim Dehi Dehi

Om Sukham Dehi Dehi
Om Shantim Dehi Dehi

Ye Jeewan Dukho Ka Ghar Hai
Saare Dukh Har Lehi



Main Ye Jaanu Dharam Hai Kya
Per Man Ko Usme Laga Na Pau

Ye Bhi Jaanu Paap Hai Kya
Paap Se Man Ko Hata Na Pau

Aesi Ichha Shakti De Do
Man Vas Mein Kar Leo

Om Sukham Dehi
Om Shantim Dehi

Jitna Kam Saman Rahega
Utna Safar Aasan Rahega
Jo Jiyega Jag Ke Liye Tu
Jag Tujhko Bhagwan Kahega

De Ashish Maa Parvati
Aur Maa Sita Vaidehi
Maa Vaidehi

Om Sukham Dehi
Om Shantim Dehi

Naa Jaanu Maya Teri
Khel Dikhaye Khoob
Murda Rahe Jal Mein Rahe Tairta
Jinda Jaye Doob

Raha Khojta Tumko Bahar
Tum Anter Mein Thehi
Tum Anter Mein Thehi
Tum Dehi

Om Sukham Dehi
Om Shantim Dehi

Naa Mangu Main Dhan Maya
Naa Mangu Sundar Kaya

Hey Bhagwan Itna Samjha Do
Kyu Main Jag Mein Aaya
Main Jag Mein Kyu Aaya

Tum Bin Kaun Hitaishi
Tum Bin Kaun Sanehi Mera

Naa Mangu Main Dhan Maya
Naa Mangu Sundar Kaya

Om Sukham Dehi
Om Shantim Dehi



Om Sukham Dehi Om Shantim Dehi Satsangi Hindi Bhajan

om sukaham dehi dehi
om shanatim dehi dehi

ye jeewan dukaho k ghar hai
saare dukah har lehi



main ye jaanu dharam hai kya
per man ko usame lag n pau

ye bhi jaanu paap hai kya
paap se man ko hat n pau

aesi icahah shakati de do
man vas mein kar leo

om sukaham dehi
om shanatim dehi

jitan kam saman rahega
utan safar aasan rahega
jo jiyeg jag ke liye tu
jag tujahako bhagawan kahega

de asahisah ma paravati
aur ma sit vaidehi
ma vaidehi

om sukaham dehi
om shanatim dehi

na jaanu may teri
khel dikahaye khoob
murad rahe jal mein rahe tairata
jinad jaye doob

rah khojat tumako bahar
tum anater mein thehi
tum anater mein thehi
tum dehi

om sukaham dehi
om shanatim dehi

na managu main dhan maya
na managu sunadar kaya

hey bhagawan itan samajah do
kyu main jag mein aaya
main jag mein kyu aay

tum bin kaun hitaisahi
tum bin kaun sanehi mera

na managu main dhan maya
na managu sunadar kaya

om sukaham dehi
om shanatim dehi







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