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श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल,
तुम बिन रह्यो न जाय हो ॥
बृजराज लडेतोलाडिले ॥

बंक चिते मुसकाय के लाल,
सुंदर वदन दिखाय ॥
लोचन तल पे मीन ज्यों लाल,
पलछिन कल्प बिहाय हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

सप्त स्वर बंधान सों लाल,
मोहन वेणु बजाय ॥
सुरत सुहाइ बांधिके नेक,
मधुरे मधुर स्वर गाय हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

रसिक रसीली बोलनी लाल,
गिरि चढि गैयां बुलाय ॥
गांग बुलाइ धूमरी नेंक,
ऊँची टेर सुनाय हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

दृष्टि परी जा दिवसतें लाल,
तबते रुचे नहिं आन ॥
रजनी नींद न आवही मोहे,
बिसर्यो भोजन पान हो ॥

दर्शन को यनुमा तपे लाल,
बचन सुनन को कान हो ।
मिलिवे को हीयरो तपे मेरे,
जिय के जीवन प्राण हों ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

मन अभिलाषा ह्वे रही लाल,
लगत नयन निमेष ॥
एकटक देखूं आवतो प्यारो,
नागर नटवर भेष हों ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

पूर्ण शशि मुख देख के लाल,
चित चोट्यो बाही ठोर ॥
रूप सुधारस पान के लाल,
सादर चंद्र चकोर हो ॥

लोक लाज कुल वेद की लाल,
छांड्यो सकल विवेक ॥
कमल कली रवि ज्यों बढे लाल,
क्षणु क्षणु प्रीति विशेष हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

मन्मथ कोटिक वारने लाल,
देखी डगमग चाल ॥
युवती जन मन फंदना लाल,
अंबुज नयन विशाल ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

यह रट लागी लाडिले लाल,
जैसे चातक मोर ॥
प्रेम नीर वर्षाय के लाल,
नवघन नंदकिशोर हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

कुंज भवन क्रीडा करे लाल,
सुखनिधि मदन गोपाल ॥
हम श्री वृंदावन मालती लाल,
तुम भोगी भ्रमर भूपाल हो ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल..

युग युग अविचल राखिये लाल,
यह सुख शैल निवास ॥
श्री गोवर्धनधर रूप पें,
बलजाय चतुर्भुज दास ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल.



shri govardhan vasi sanware lal

shri govardhan vaasi saanvare laal,
tum bin rahayo n jaay ho ..
barajaraaj ladetolaadile ..


bank chite musakaay ke laal,
sundar vadan dikhaay ..
lochan tal pe meen jyon laal,
palchhin kalp bihaay ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

sapt svar bandhaan son laal,
mohan venu bajaay ..
surat suhaai baandhike nek,
mdhure mdhur svar gaay ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

rasik raseeli bolani laal,
giri chdhi gaiyaan bulaay ..
gaang bulaai dhoomari nenk,
oonchi ter sunaay ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

darashti pari ja divasaten laal,
tabate ruche nahin aan ..
rajani neend n aavahi mohe,
bisaryo bhojan paan ho ..

darshan ko yanuma tape laal,
bchan sunan ko kaan ho
milive ko heeyaro tape mere,
jiy ke jeevan praan hon ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

man abhilaasha have rahi laal,
lagat nayan nimesh ..
ekatak dekhoon aavato pyaaro,
naagar natavar bhesh hon ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

poorn shshi mukh dekh ke laal,
chit chotyo baahi thor ..
roop sudhaaras paan ke laal,
saadar chandr chakor ho ..

lok laaj kul ved ki laal,
chhaandyo sakal vivek ..
kamal kali ravi jyon bdhe laal,
kshnu kshnu preeti vishesh ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

manmth kotik vaarane laal,
dekhi dagamag chaal ..
yuvati jan man phandana laal,
anbuj nayan vishaal ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

yah rat laagi laadile laal,
jaise chaatak mor ..
prem neer varshaay ke laal,
navghan nandakishor ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

kunj bhavan kreeda kare laal,
sukhanidhi madan gopaal ..
ham shri vrindaavan maalati laal,
tum bhogi bhramar bhoopaal ho ..

shri govardhan vaasi saanvare laal..

yug yug avichal raakhiye laal,
yah sukh shail nivaas ..
shri govardhandhar roop pen,
balajaay chaturbhuj daas ..

shri govardhan vaasi saanvare laal,
tum bin rahayo n jaay ho ..
barajaraaj ladetolaadile ..




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