किसकिस को नाच नचाए गई रे माया की चिरैया...
एक दिन नारद पे बैठी,
बंदर को मुखड़ा बनाए गई रे माया की चिरैया...
एक दिना ब्रह्मा पे बैठी,
झूठा कलंक लगाए गई रे माया की चिरैया...
एक दिना केकई पे बैठी,
राम को बन में पड़ा गई रे माया के चिरैया...
एक दिना रावण पे बैठी,
लंका को नाश करा गई रे माया की चिरैया...
किसकिस को नाच नचाए गई रे माया की चिरैया...
kisakis ko naach nchaae gi re maaya ki chiraiyaa...
ek din naarad pe baithi,
bandar ko mukhada banaae gi re maaya ki chiraiyaa...
ek dina brahama pe baithi,
jhootha kalank lagaae gi re maaya ki chiraiyaa...
ek dina keki pe baithi,
ram ko ban me pada gi re maaya ke chiraiyaa...
ek dina raavan pe baithi,
lanka ko naash kara gi re maaya ki chiraiyaa...
kisakis ko naach nchaae gi re maaya ki chiraiyaa...