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दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥


एक सखी मारी ऐसी थी,
जो गंगा नहाने जाती थी,
गंगा नहाने जाती थी,
वो भर भर कुल्ला करती थी,
अगला जन्म मछली को पायो,
गलीगली में बिकती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

एक सखी मारी ऐसी थी,
ग्यारस को झाड़ू गुहारती थी,
अगला जन्म मकड़ी को पायो,
जाला कूड़ा करती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

एक सखी म्हारी ऐसी थी,
जो पति से झगड़ा करती थी,
अगला जन्म कुत्तिया को पायो,
घर घर डंडा खाती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

एक सखी मारी ऐसी थी,
ग्यारस को चावल खाती थी,
अगला जन्म कीड़ा को पायो,
नाली नाली फिरती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

एक सखी मारी ऐसी थी,
सासुल से झगड़ा करती थी,
अगला जन्म चूहा को पायो,
पल में झट झट मरती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

एक सखी मारी ऐसी थी,
जो ठाकुर सेवा करती थी,
ठाकुर सेवा करती थी,
वो तुलसी सीता करती थी,
अगला जन्म लक्ष्मी को पाया,
घरघर पूजी जाती थी,
दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥

दया धर्म हमारी ग्यारस माता,
हरी बिन मुक्ति कैसे हो॥




daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..


ek skhi maari aisi thi,
jo ganga nahaane jaati thi,
ganga nahaane jaati thi,
vo bhar bhar kulla karati thi,
agala janm mchhali ko paayo,
galeegali me bikati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

ek skhi maari aisi thi,
gyaaras ko jhaadoo guhaarati thi,
agala janm makadi ko paayo,
jaala kooda karati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

ek skhi mhaari aisi thi,
jo pati se jhagada karati thi,
agala janm kuttiya ko paayo,
ghar ghar danda khaati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

ek skhi maari aisi thi,
gyaaras ko chaaval khaati thi,
agala janm keeda ko paayo,
naali naali phirati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

ek skhi maari aisi thi,
saasul se jhagada karati thi,
agala janm chooha ko paayo,
pal me jhat jhat marati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

ek skhi maari aisi thi,
jo thaakur seva karati thi,
thaakur seva karati thi,
vo tulasi seeta karati thi,
agala janm lakshmi ko paaya,
gharghar pooji jaati thi,
daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..

daya dharm hamaari gyaaras maata,
hari bin mukti kaise ho..








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