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पैसे की यह दुनिया है और पैसे की यह माया है,
यहाँ कोई नहीं अपना है और कोई ना बेगाना है...

पैसे की यह दुनिया है और पैसे की यह माया है,
यहाँ कोई नहीं अपना है और कोई ना बेगाना है...


माता जिसने जन्म दिया वह भी भूल जाती है,
बेटा यह नालायक है और गाली सुनाती है,
पिता कहे घर में मेरे ना तेरा गुजारा है,
कोई नहीं अपना है...

भैया भाभी बोल रहे संग हमारे ना गुजारा है,
कुछ ना काम आता है बनके घूमता आवारा है,
एके में ना निभय भैया और दूजे में बेगाना है,
कोई नहीं अपना है...

नारी का यह साथ देखो कुछ दिन का यह मेला है,
जब तक यह पैसा है वह कहती पति मेरा है,
काया माया साथ ना दे वह करती किनारा है,
कोई नहीं अपना है...

कोई नहीं यहां अपना झूठा जग का यह नाता है,
कुछ ना ले जाएगा चोरी करके जो लाता है,
मुट्ठी बांधे आया था और खाली हाथ जाना है,
कोई नहीं अपना है...

पैसे की यह दुनिया है और पैसे की यह माया है,
यहाँ कोई नहीं अपना है और कोई ना बेगाना है...




paise ki yah duniya hai aur paise ki yah maaya hai,
yahaan koi nahi apana hai aur koi na begaana hai...

paise ki yah duniya hai aur paise ki yah maaya hai,
yahaan koi nahi apana hai aur koi na begaana hai...


maata jisane janm diya vah bhi bhool jaati hai,
beta yah naalaayak hai aur gaali sunaati hai,
pita kahe ghar me mere na tera gujaara hai,
koi nahi apana hai...

bhaiya bhaabhi bol rahe sang hamaare na gujaara hai,
kuchh na kaam aata hai banake ghoomata aavaara hai,
eke me na nibhay bhaiya aur dooje me begaana hai,
koi nahi apana hai...

naari ka yah saath dekho kuchh din ka yah mela hai,
jab tak yah paisa hai vah kahati pati mera hai,
kaaya maaya saath na de vah karati kinaara hai,
koi nahi apana hai...

koi nahi yahaan apana jhootha jag ka yah naata hai,
kuchh na le jaaega chori karake jo laata hai,
mutthi baandhe aaya tha aur khaali haath jaana hai,
koi nahi apana hai...

paise ki yah duniya hai aur paise ki yah maaya hai,
yahaan koi nahi apana hai aur koi na begaana hai...








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