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माँ महारानी दुर्गा रानी है शक्ति अवतार,
महिमा तेरी अपरम्पार है जाने ये संसार,

माँ महारानी दुर्गा रानी है शक्ति अवतार,
महिमा तेरी अपरम्पार है जाने ये संसार,
वह सृष्टि रचैया वो सबकी पालन हारी,
जग जननी है माँ जगदम्बे माँ शेरावाली,
वह सृष्टि रचैया वो सबकी पालन हारी,
जग जननी है माँ जगदम्बे माँ शेरावाली...


असुरो ने आतंक मचाया,
देवलोक पे कब्ज़ा जमाया,
देवता सारे ही घबराये,
ब्रम्हा संग शिव के पास आये,
सुन के वृतांत उनका क्रोधित हुए शिव कैलाशी,
जग जननी है माँ जगदम्बे शेरावाली...

शिव के मुख से क्रोध था निकला,
देवो ने भी तेज था छोड़ा,
जिस से बनी सुन्दर वो आकृति,
जो थी बड़ी ही शक्तिशाली,
नभ से पुष्पों की वर्षा फिर तो उस देवी पे हुई,
जग जननी है माँ जगदम्बे शेरावाली...

अस्त्र शस्त्र सब देवगण लाया,
उनसे फिर देवी को सजाया,
तब देवी उनसे ये बोली,
रक्षा करूंगी मैं तुम सबकी,
जब संकट तुम पे देवगणो आएगा कभी,
जग जननी है माँ जगदम्बे शेरावाली...

पीला शेर है माँ की सवारी,
जो है बड़ा ही आज्ञाकारी,
माँ का रहता इस पर आसान,
माता का है प्रिय ये वाहन,
रण भूमि में इसे देख डर जाते है शत्रु सभी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

रूप अनेको है माता के,
नाम अनेको है दुर्गा के,
कही पे वो कहलाती है भवानी,
कही गौरा कही वो कहलाती है पारवती,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

आर्या, आधा, क्रूरा, क्रिया,
नित्या, सत्या, भव्या, भाव्या,
प्रोढ़ा, अप्रौढ़ा, चिंता, त्रिनेत्रा,
दुर्गा, मंगला, पाटला, विमला,
बड़ी लम्बी है माँ के नामो की ये नामावली,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

शिव को जब पाने की ठानी,
कठिन तपस्या माता ने की,
भोले दानी प्रसन्न हुए जब,
शिव और शिवानी एक हुए तब,
शिव के लिए बनी अनेको बार वो बनी तपस्विनी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

हर एक युग में हर एक जनम में,
शिव को बसाया दुर्गा ने मन में,
शिव को पति के रूप में पाया,
शिव ने भी उनको अपनाया,
हर जनम में बनी अम्बे शिव भले की अर्धांगिनी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

दक्ष के घर जब जन्मी दुर्गा,
और शिव के संग ब्याह रचाया,
उनके पिता ने यज्ञ कराया,
शिव और शिवा को ना बुलवाया,
फिर भी जाने की जिद महारानी ने दिल में ठानी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

दक्ष कन्या जब यज्ञ में पहुंची,
उनसे किसी ने बात नहीं की,
शिव के लिए जब राजा दक्ष ने,
उल्टे सीधे शब्द जो बोले,
अपमान पति का सहा नहीं हुई देवी सती,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

शिव ने समाचार जब ये पाया,
क्रोध बहुत शिव जी को आया,
दक्ष के यज्ञ को जाके उजाड़ा,
और उन्हें भी मार गिराया,
क्रोध शिव का जो देखा काँप उठी सारी सृष्टि,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

महिषासुर बलवान बहुत था,
किन्तु माँ से जब टकराया,
रूप अनेको धार गया वो,
लेकिन माँ से हार गया वो,
माता रानी से लड़के महिषासुर की हार हुई...
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

रण में पहुंची जब माँ काली,
रक्त बीज भी था बलशाली,
माँ ने उनके प्राण निकाले,
उसको किया मृत्यु के हवाले,
मा काली का गर्जन सुनके धरती काँप उठी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

रणभूमि पर जो भी आया,
माँ के आगे ठहर न पाया,
अंत में उसकी हार हुई है,
और माता को जीत मिली है,
माँ से लड़ कर जो जीते ऐसा नहीं है कोई,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

प्रेत सवारी चामुंडा की,
भैसे पे आती वाराही,
गजेन्द्री का प्यारा है वाहन,
वैष्णवी रखती गरुड़ पे आसन,
माँ के वाहन अनेक है जानती है दुनिया सारी,
जग जननी है माँ जनदम्बिके शेरावाली...

बैल माहेश्वरी को है भाता,
मोर कौमारी को ले जाता,
हरी प्रिया का कमल पे आसन,
दुर्गा माँ का शेर है वाहन,
माँ की महिमा को जान ना पाया जग में कोई भी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

माँ का पूजन फलदायी है,
माँ की सिमरन सुखदायी है,
किरपा दृष्टि माँ जो उठाये,
भक्तजनो के भाग्य जगाये,
माँ ने जिस पे कृपा की किस्मत उसकी है जागी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

माता रानी है महादानी,
माँ है ध्यानी माँ महारानी,
दुखड़े सबके दूर करे माँ,
झोली खाली सबकी भरे माँ,
माँ की चौखट पे आके जाता नहीं कोई खाली,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

करुणा की सूरत है अम्बे,
ममता की मूरत है अम्ब,
माँ सबकी पीड़ा हरती है,
माँ सब पे किरपा करती है,
अम्बे मैया हितेषी है दुर्गा माँ है दुःख हरनी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

हम है सेवा दार तुम्हारे,
हम आये है द्वार तिहारे,
हम पे भी उपकार करो माँ,
दुखड़े हमारे भी तो हरो माँ,
दृष्टि दया की डालो हम पे भी माँ महारानी,
जग जननी है माँ जगदम्बिके शेरावाली...

माँ महारानी दुर्गा रानी है शक्ति अवतार,
महिमा तेरी अपरम्पार है जाने ये संसार,
वह सृष्टि रचैया वो सबकी पालन हारी,
जग जननी है माँ जगदम्बे माँ शेरावाली,
वह सृष्टि रचैया वो सबकी पालन हारी,
जग जननी है माँ जगदम्बे माँ शेरावाली...




ma mahaaraani durga raani hai shakti avataar,
mahima teri aparampaar hai jaane ye sansaar,

ma mahaaraani durga raani hai shakti avataar,
mahima teri aparampaar hai jaane ye sansaar,
vah sarashti rchaiya vo sabaki paalan haari,
jag janani hai ma jagadambe ma sheraavaali,
vah sarashti rchaiya vo sabaki paalan haari,
jag janani hai ma jagadambe ma sheraavaali...


asuro ne aatank mchaaya,
devalok pe kabza jamaaya,
devata saare hi ghabaraaye,
bramha sang shiv ke paas aaye,
sun ke vritaant unaka krodhit hue shiv kailaashi,
jag janani hai ma jagadambe sheraavaali...

shiv ke mukh se krodh tha nikala,
devo ne bhi tej tha chhoda,
jis se bani sundar vo aakriti,
jo thi badi hi shaktishaali,
nbh se pushpon ki varsha phir to us devi pe hui,
jag janani hai ma jagadambe sheraavaali...

astr shastr sab devagan laaya,
unase phir devi ko sajaaya,
tab devi unase ye boli,
raksha karoongi maintum sabaki,
jab sankat tum pe devagano aaega kbhi,
jag janani hai ma jagadambe sheraavaali...

peela sher hai ma ki savaari,
jo hai bada hi aagyaakaari,
ma ka rahata is par aasaan,
maata ka hai priy ye vaahan,
ran bhoomi me ise dekh dar jaate hai shatru sbhi,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

roop aneko hai maata ke,
naam aneko hai durga ke,
kahi pe vo kahalaati hai bhavaani,
kahi gaura kahi vo kahalaati hai paaravati,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

aarya, aadha, kroora, kriya,
nitya, satya, bhavya, bhaavya,
prodaha, apraudaha, chinta, trinetra,
durga, mangala, paatala, vimala,
badi lambi hai ma ke naamo ki ye naamaavali,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

shiv ko jab paane ki thaani,
kthin tapasya maata ne ki,
bhole daani prasann hue jab,
shiv aur shivaani ek hue tab,
shiv ke lie bani aneko baar vo bani tapasvini,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

har ek yug me har ek janam me,
shiv ko basaaya durga ne man me,
shiv ko pati ke roop me paaya,
shiv ne bhi unako apanaaya,
har janam me bani ambe shiv bhale ki ardhaangini,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

daksh ke ghar jab janmi durga,
aur shiv ke sang byaah rchaaya,
unake pita ne yagy karaaya,
shiv aur shiva ko na bulavaaya,
phir bhi jaane ki jid mahaaraani ne dil me thaani,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

daksh kanya jab yagy me pahunchi,
unase kisi ne baat nahi ki,
shiv ke lie jab raaja daksh ne,
ulte seedhe shabd jo bole,
apamaan pati ka saha nahi hui devi sati,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

shiv ne samaachaar jab ye paaya,
krodh bahut shiv ji ko aaya,
daksh ke yagy ko jaake ujaada,
aur unhen bhi maar giraaya,
krodh shiv ka jo dekha kaanp uthi saari sarashti,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

mahishaasur balavaan bahut tha,
kintu ma se jab takaraaya,
roop aneko dhaar gaya vo,
lekin ma se haar gaya vo,
maata raani se ladake mahishaasur ki haar hui...
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

ran me pahunchi jab ma kaali,
rakt beej bhi tha balshaali,
ma ne unake praan nikaale,
usako kiya maratyu ke havaale,
ma kaali ka garjan sunake dharati kaanp uthi,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

ranbhoomi par jo bhi aaya,
ma ke aage thahar n paaya,
ant me usaki haar hui hai,
aur maata ko jeet mili hai,
ma se lad kar jo jeete aisa nahi hai koi,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

pret savaari chaamunda ki,
bhaise pe aati vaaraahi,
gajendri ka pyaara hai vaahan,
vaishnavi rkhati garud pe aasan,
ma ke vaahan anek hai jaanati hai duniya saari,
jag janani hai ma janadambike sheraavaali...

bail maaheshvari ko hai bhaata,
mor kaumaari ko le jaata,
hari priya ka kamal pe aasan,
durga ma ka sher hai vaahan,
ma ki mahima ko jaan na paaya jag me koi bhi,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

ma ka poojan phaladaayi hai,
ma ki simaran sukhadaayi hai,
kirapa darashti ma jo uthaaye,
bhaktajano ke bhaagy jagaaye,
ma ne jis pe kripa ki kismat usaki hai jaagi,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

maata raani hai mahaadaani,
ma hai dhayaani ma mahaaraani,
dukhade sabake door kare ma,
jholi khaali sabaki bhare ma,
ma ki chaukhat pe aake jaata nahi koi khaali,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

karuna ki soorat hai ambe,
mamata ki moorat hai amb,
ma sabaki peeda harati hai,
ma sab pe kirapa karati hai,
ambe maiya hiteshi hai durga ma hai duhkh harani,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

ham hai seva daar tumhaare,
ham aaye hai dvaar tihaare,
ham pe bhi upakaar karo ma,
dukhade hamaare bhi to haro ma,
darashti daya ki daalo ham pe bhi ma mahaaraani,
jag janani hai ma jagadambike sheraavaali...

ma mahaaraani durga raani hai shakti avataar,
mahima teri aparampaar hai jaane ye sansaar,
vah sarashti rchaiya vo sabaki paalan haari,
jag janani hai ma jagadambe ma sheraavaali,
vah sarashti rchaiya vo sabaki paalan haari,
jag janani hai ma jagadambe ma sheraavaali...








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