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ले निशान हाथों में चलो बाबा ने बुलाया है,
श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है॥

ले निशान हाथों में चलो बाबा ने बुलाया है,
श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है॥


ध्वज हो केसरिया रंग का,
हो तीन बाण उस पे छपा,
सुनहरे गोटे से लिखा,
जय जय श्री श्याम देवाय नमः
बड़े भाग से फिर एक बार दिन यह आया है,
श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है...

छोटे बड़े हाथों में निशान, मुख से बोले जय श्री श्याम,
रींगस से पैदल चलते और हम पहुंचे खाटू श्याम,
श्याम प्रेमियों ने बाबा का ध्वज लहराया है,
ओ श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है...

मस्ताना आया त्योहार, सज गया सांवरिया दरबार,
भक्तों की जुड़ी भीड़ अपार, रंगों की करने बौछार,
‘कुंदन’ ने माथे अभीर बाबा के लगाया है,
‘राहुल’ ने माथे अभीर बाबा के लगाया है,
ओ श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है...

ले निशान हाथों में चलो बाबा ने बुलाया है,
ओ श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है...

ले निशान हाथों में चलो बाबा ने बुलाया है,
श्याम दीवानों मेला फिर फागुण का आया है॥




le nishaan haathon me chalo baaba ne bulaaya hai,
shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai..

le nishaan haathon me chalo baaba ne bulaaya hai,
shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai..


dhavaj ho kesariya rang ka,
ho teen baan us pe chhapa,
sunahare gote se likha,
jay jay shri shyaam devaay namah
bade bhaag se phir ek baar din yah aaya hai,
shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai...

chhote bade haathon me nishaan, mukh se bole jay shri shyaam,
reengas se paidal chalate aur ham pahunche khatu shyaam,
shyaam premiyon ne baaba ka dhavaj laharaaya hai,
o shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai...

mastaana aaya tyohaar, saj gaya saanvariya darabaar,
bhakton ki judi bheed apaar, rangon ki karane bauchhaar,
kundan ne maathe abheer baaba ke lagaaya hai,
raahul ne maathe abheer baaba ke lagaaya hai,
o shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai...

le nishaan haathon me chalo baaba ne bulaaya hai,
o shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai...

le nishaan haathon me chalo baaba ne bulaaya hai,
shyaam deevaanon mela phir phaagun ka aaya hai..








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