सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार,
लाला के दर्शन कर आवें
यशोदा ने लाला जायो है,
घर-घर में आनंद छायो है,
सब भक्तन के मन भायो है,
मिल गाओ मंगलाचार, ओ चार,
लाला के दर्शन कर आवें,
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार...
भयौ चंद्रवंश उजियारौ है,
मिट गयौ दुखद अँधियारौ है,
आज जागौ भाग हमारौ है,
मिल्यौ आज जन्म कौ सार, ओ सार
लाला के दर्शन कर आवें,
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार...
जो मिलौ नहीं सुख त्रिभुवन में,
वो विखर रह्यौ ब्रज गलियां में,
मच रही लूट ब्रज रसिकन में,
लुट गयौ कुंवर मझधार, ओ धार,
लाला के दर्शन कर आवें,
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार...
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार,
लाला के दर्शन कर आवें,
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार...
सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार,
लाला के दर्शन कर आवें
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar,
laala ke darshan kar aaven
yashod ne laala jaayo hai,
ghar-ghar me aanand chhaayo hai,
sab bhaktan ke man bhaayo hai,
mil gaao mangalaachaar, o chaar,
laala ke darshan kar aaven,
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar...
bhayau chandravansh ujiyaarau hai,
mit gayau dukhad andhiyaarau hai,
aaj jaagau bhaag hamaarau hai,
milyau aaj janm kau saar, o saar
laala ke darshan kar aaven,
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar...
jo milau nahi sukh tribhuvan me,
vo vikhar rahayau braj galiyaan me,
mch rahi loot braj rasikan me,
lut gayau kunvar mjhdhaar, o dhaar,
laala ke darshan kar aaven,
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar...
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar,
laala ke darshan kar aaven,
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar...
skhi chalo nand ke dvaar, o dvaar,
laala ke darshan kar aaven