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सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
बिद्या के धनी है जेष्ठ पुत्र शंकर,

सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
बिद्या के धनी है जेष्ठ पुत्र शंकर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर...


मयूर पर बिराजे कार्तिक भैया,
बोले लगाते हैं धरती का चक्कर,
अचरच में पड़ गये गजानन भैया,
मूषक सग कैसे चले लम्बोदर,
फिर देवा ने दिमाग दिखाकर,
सावित किया वो है विद्याधर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर...
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर,

गणपति से बोली पार्वती मैय्या,
मेरा क्यू ऐसे लगा रहे चक्कर,
वोले गजानन माँ ही धरती है,
ये है धरा के चक्कर के बराबर,
गणराज कहलाये बिदद्याधर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर...

सूझ बूझ के गणपति पीताम्बर,
बिद्या के धनी है जेष्ठ पुत्र शंकर,
देवा के अंदर दिमाग भयंकर,
हर मुश्किल का हल, लम्बोदर...




soojh boojh ke ganapati peetaambar,
bidya ke dhani hai jeshth putr shankar,

soojh boojh ke ganapati peetaambar,
bidya ke dhani hai jeshth putr shankar,
deva ke andar dimaag bhayankar,
har mushkil ka hal, lambodar...


mayoor par biraaje kaartik bhaiya,
bole lagaate hain dharati ka chakkar,
acharch me pad gaye gajaanan bhaiya,
mooshak sag kaise chale lambodar,
phir deva ne dimaag dikhaakar,
saavit kiya vo hai vidyaadhar,
deva ke andar dimaag bhayankar...
har mushkil ka hal, lambodar,

ganapati se boli paarvati maiyya,
mera kyoo aise laga rahe chakkar,
vole gajaanan ma hi dharati hai,
ye hai dhara ke chakkar ke baraabar,
ganaraaj kahalaaye bidadyaadhar,
deva ke andar dimaag bhayankar,
har mushkil ka hal, lambodar...

soojh boojh ke ganapati peetaambar,
bidya ke dhani hai jeshth putr shankar,
deva ke andar dimaag bhayankar,
har mushkil ka hal, lambodar...




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