Most Popular Bhajan Lyrics





Bhajan Lyrics View All

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना

New Bhajan Lyrics View All

तू आगे आगे चल बाबा,
मै पीछे पीछे आऊंगा,
श्री राम प्रभु का क्या कहना,
वो प्रीत की रीत निभाते है,
बोली गौरा जी पुत्र गजानन से गजानन से,
अंदर आए ना कोई रोकना है तुझे,
मेरे पाप है ज्यादा पुण्य है कम,
श्री राधे बसा लो वृंदावन
ढोलिया वे ढोलिया ढोल बजा,
कोई चकमी बजा दे ताल, आज असी पाणा भंगड़ा,