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तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम

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मेरे मन हरि का ध्यान लगा,
क्यूँ उलझे तू व्यर्थ जगत में, उसका ही
प्रभु जी मेरा चित बड़ा करदा ए, तेरे
जेब मेरी विच पैसा ना तेला दस किवे आवा
जयकारा शेरावली दा
बोल साचे दरवार की जय
जय जय श्री श्याम,
जय जय श्री श्याम,
आए ना पवनसुत प्रातः हो रहा है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है...