Most Popular Bhajan Lyrics

1,162 Radha Krishna Bhajans
ओ सँवारे




Bhajan Lyrics View All

रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,

New Bhajan Lyrics View All

खाटू में श्री श्याम विराजे सालासर
हमने तो ये देख लिया दोनों भक्तों के
दुनिया से मोह भंग हुआ है,
जब से मन तेरे संग लगा है,
चुन चुन के फूल ले आई बगिया से तोड़ के,
मैं माला इनकी बनाऊँ फूलों को जोड़ के...
बिगड़ी बनेगी तेरी,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ,
हे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ,